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Apricot Farming In Hindi | खुबानी की खेती कैसे करे | Apricot Cultivation

नमस्कार दोस्तों Apricot cultivation | Apricot Farming Information In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम Khubani Plant, खुबानी की खेती कैसे करें, उसकी अच्छी किस्में, देखभाल और पैदावार और खुबानी कैसे उगाये की जानकारी बताने वाले है। खुबानी भारत देश के शुष्क शीतोष्ण और मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाने वाला फल है। खुबानी की खेती एक गुठली वर्गीय फसल है, उसका फल आडू और आलू बुखार की प्रजाति का ही माना जाता हैं। उसकी खेती सबसे ज्यादा तुर्की में होती है। क्योंकि खुबानी की विश्व में आधी पैदावार यही से होती है।

ख़ुबानी एक ठन्डे प्रदेश का पौधा है और अधिक गर्मी में विकसित नहीं होता है। खुबानी की खेती नगदी फसल के रूप में की जाती है। खुबानी मंहगा और स्वादिस्ट फल है, खुबानी के फल पीले, सफेद, काले, गुलाबी और भूरे रंग के होते हैं। भारत में खुबानी फल की खेती कश्मीर, उतराखंड और हिमाचल में होती है। खुबानी के फलों में अन्य फलों की तुलना में विटामिन ‘ए’ और नियासिन की मात्रा अधिक होती है। खुबानी फल को हमारे भारत में चोले के नाम से भी पहचानते है। तो चाहिए Apricot Farming Information Guide बताते है।

Health Benefits of Apricot Fruit | खुबानी फल के स्वास्थ्य लाभ

  • खुबानी फल के सेवन से हड्डिया मजबूत होती है।
  • ज्यादा वजन वालो के लिए खुबानी वजन घटाने में मदद करता है। 
  • खुबानी एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों का समृद्ध स्रोत है। 
  • अस्थमा के रोगियों को खुबानी मदद करता है। 
  • कैंसर के विकास के जोखिम को खुबानी कम करता है। 
  • एनीमिया के रोगियों के लिए खुबानी राहत देता है। 
  • त्वचा विकारों के लिए खुबानी अच्छा है। 
  • खुबानी दिल के लिए सबसे सेहतमंद और अच्छा है। 
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने में खुबानी फल मदद करता है। 
  • विटामिन “ए” और बीटा-कैरोटीन के कारण आंखों के लिए खुबानी फल अच्छा है।
  • उसके अलावा खुबानी फल के फायदे अनेक है।
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Apricot Vitamins and Minerals | खुबानी के विटामिन और खनिज

कार्बोहाइड्रेट 11% 
पानी 86% 
प्रोटीन 1%
कैलोरी34
कार्ब्स8 ग्राम
वसा 0.27 ग्राम
फाइबर 1.5 ग्राम
प्रोटीन 1 ग्राम
विटामिन A 8%
विटामिन B 8%
विटामिन E 4%
पोटेशियम 4%

How to Start Apricot Farming Business | खुबानी की खेती कैसे शुरू करें

खुबानी की खेती शुरू करना आसान है, किसान छोटे स्तर पर या व्यावसायिक रूप से भी शुरू कर सकते है। उसके पौधे को आमतौर पर कम देखभाल की जरुरत होती है। खुबानी के पौधे आमतौर पर शुष्क समशीतोष्ण और मध्य-पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी तरह से विकसित होते हैं। खुबानी पेड़ की अच्छी वृद्धि के लिए पूर्ण सूर्य की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है। और खुबानी की खेती के लिए सभी प्रकार की मिट्टी अच्छी होती है। हम खुबानी की खेती के व्यवसाय के बारे में रोपण, देखभाल से लेकर कटाई और विपणन तक के बारे में  जानकारी का वर्णन कर रहे हैं।

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Select Good Location | भूमि का चुनाव 

किसानो को खुबानी की खेती के लिए गहरी उपजाऊ और अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी पसंद करनी चाहिए। लेकिन हल्की रेतीली और बलुई दोमट व उपजाऊ मिट्टी में भी उसकी खेती की जा सकती है। वैसे तो यह खेती में सभी प्रकार की जमीन उपयोग में ले सकते है। लेकिन ज्यादा पानी वाली अधिक पोषक तत्व युक्त, और चिकनी मिट्टी इसके पौधे के अनुकूल नही होती है। उसिलिये ही अच्छे उत्पादन के लिए आपको अच्छी भूमि को पसंद करना होता है।

Prepare the Soil | भूमि की तैयारी

खुबानी पेड़ के पौधे लगाने से पहले किसान को मिट्टी को पूरी तरह से तैयार करना होता है। पौधों की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए अच्छी तरह से सूखा, उपजाऊ मिट्टी आमतौर पर अच्छी होती है। रोपण से 1 महीने पहले 3 x 3 x 3 फीट के आकार के गड्ढे खोद लेने है। हर गड्ढे में मिट्टी का मिश्रण और 50- 60 किलो अच्छी तरह सड़ी हुई खेत की खाद डाल देना है। उसके साथ साथ 1 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट और 10 मिली चोरापाइरिपोस घोल (10 मिली/10 लीटर पानी) मिला लेना है।

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Climate for Apricots | खुबानी के लिए जलवायु

समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊचाई वाले स्थान खुबानी की खेती के लिए अच्छे माने जाते हैं। यह पौधों को विकसित करने के लिए समशीतोष्ण और शीतोष्ण दोनों जलवायु आवश्यक होती हैं। मगर समशीतोष्ण विस्तारो में जहाँ अधिक वक्त तक तेज़ गर्मी रहती हैं। वहां उगाना अच्छा नहीं है। क्योकि यह पौधे अधिक वक्त तेज़ गर्मी को सहन नही कर सकते है।

खुबानी पौधों के लिए सर्दियों का मौसम अच्छा होता है। मगर सदियों में पौधे पर फूल खिलने के दौरान पड़ने वाला पाला ख़राब होता है। यह पौधों को सामान्य बारिश जरूरी है। खुबानी फलों के विकास के लिए 700 से 800 घंटे तक 7 डिग्री तापमान जरूरी है। फलों के अच्छे विकास के लिए 15 से 30 डिग्री तापमान को अच्छा माना जाता हैं। 

Apricot Local Names in India | खुबानी के अन्य नाम

  • जरदालू
  • खुबानी
  • खुमानी (हिंदी)
  • जलधारू पांडु (तेलुगु)
  • सारा परुप्पु
  • सरकाराई बादामी (तमिल)
  • जरदालु (कन्नड़)
  • मुट्टा पज़म, शीमा पाज़म (मलयालम)
  • जरदालू (गुजराती)
  • जरदालू (मराठी)

Apricot Varieties | खुबानी की किस्में

  • हमारे भारत में खुबानी की कई उन्नत किस्में उगाई जाती है। 
  • हिमाचल प्रदेश एव मध्य ऊँचेविस्तारो में न्यूकेस्टल, कैशा, अर्ली सिप्ले जैसी प्रमुख उन्नत किस्में होती है। 
  • ज्यादा ऊँचे विस्तारो के लिए सफेदा, अर्ली सिप्ले, चारमग्ज और सकरपारा किस्में है। 
  • सूखे ठन्डे विस्तारो में किसान चारमग्ज, सफेदा, सकरपारा और कैशा किस्में उगाते है। 
  • अगेती किस्मों में न्यूलार्जअर्ली, अर्ली सिप्ले और चारमग्ज मुख्य किस्में है। 
  • पछेती किस्मों में कैशा, रॉयल, टर्की, मोरपार्क और सेंट अम्ब्रोज प्रमुख किस्में होती है। 
  • उत्तराँचल में चौबटिया, अलंकर, चारमग्ज, चौबटिया मधु और चौबटिया केसरी किस्में है। 
  • उत्तराँचल की पछेती किस्मों में टर्की मुख्य किस्म उगाई जाती है। 

Apricot Planting Time | खुबानी की बुवाई का समय

 Apricot Farmingमें पौधों की रोपाई मार्च महीने से जुलाई एव अगस्त तक की जाती हैं। जहाँ सिंचाई की सुविधा होती है। वह मार्च के महीने में भी लगा सकते हैं। लेकिन उस समय में पौधे की रोपाई करने के लिए ज्यादा देखभाल की आवस्यकता होती है। अगर सिंचाई की उचित व्यवस्था ना हों तो आपको जून के महीने में बारिश के शुरू होने के बाद लगाना चाहिए। क्योकि उस समय पौधे की रोपाई करने से अच्छा विकास करने के लिए वातावरण अच्छा मिलता है। 

खुबानी फल की फोटो गैलरी

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Prepare or Purchase Plants | खुबानी पौध तैयार कैसे करे

खुबानी के पौधों की रोपाई नर्सरी में कलम तैयार कर की जाती है। खुबानी को आमतौर पर ग्राफ्टिंग या बडिंग और टी-बडिंग, टंग ग्राफ्टिंग और चिप बडिंग द्वारा प्रचारित किया जाता है। सभी विधि से तैयार कलम से बनने वाले पौधे में मुख्य पौधे जैसे ही गुण पाए हैं। पौध नर्सरी में बारिश या बारिश के मौसम के पश्यात तैयार किये जाते है। और रोपाई बसंत के मौसम में होती हैं। रूटस्टॉक विकास के लिए, पके जंगली खुबानी से बीज एकत्र करने चाहिए। उसके बीजों को निष्क्रियता को तोड़ने के लिए 4 डिग्री एव 45 दिनों की अवधि के लिए स्तरीकरण की जरुरत होती है।

Irrigation in Apricot Farming | खुबानी की खेती में सिंचाई

खुबानी के पौधों की अच्छी वृध्दि के लिए अप्रैल से मई के महीने में फल विकास चरण के दौरान पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। सिंचाई की जरुरत मिट्टी के प्रकार, पेड़ की उम्र और मौसम की परिस्थिति पर निर्भर होती है।ज्यादा गर्म और शुष्क मौसम के दौरान 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी जरुरी होता है। मगर भारी बारिश की के समय में जलजमाव से बचने के लिए जल निकासी की अच्छी व्यवस्था जरूर रखनी होती है।

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Weed control in Apricot Farming | खरपतवार नियंत्रण

पलवार खासकर रोपण के बाद मल्चिंग न केवल मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है। लेकिन खरपतवारों को रोकने में भी मदद मिलती है। खरपतवार नियंत्रण खूबानी उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि खरपतवार मिट्टी से पोषक तत्वों का उपयोग करते हैं। खरपतवार नियंत्रण के लिए 4 किग्रा० प्रति हेक्टेयर की दर से एट्राजीन या डाययूरोन का पूर्व-उद्योग और 800 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से ग्लाइफोसेट या 2 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से ग्रामजोन का प्रयोगजरुरी है।

Manure and Fertilizer in Apricot Cultivation | खाद और उर्वरक

खुबानी की खेती में खाद और उर्वरक बात करे तो पेड़ की वृद्धि और अच्छी उपज के लिए रासायनिक एव जैविक खाद और उर्वरक दोनों की जरुरत होती है। उर्वरक की जरुरत मिट्टी के प्रकार, वृक्षों की आयु और सांस्कृतिक प्रथाओं पर निर्भर करती है। लेकिन सिंचित पेड़ में प्रत्येक परिपक्व खुबानी के पेड़ 7 वर्ष और अधिक के लिए 40 से 45 किलो अच्छी तरह सड़ी-गली खाद डालनी चाहिए 500 ग्राम ‘एन’, 250 ग्राम ‘पी 2ओ 5’ और 200 ग्राम ‘के’ का मिश्रण है। उसके अलावा आपको भूमि परिक्षण के म मुताबिक खाद दाल सकते है।

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Pests and diseases in Apricot Farming | कीट और रोग

कीट और रोग की बात करे तो दूसरी फसलों की तरह, खुबानी के पौधे रोगों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। उसमे ब्राउन रोट ब्लॉसम, यूटिपा डाइबैक, आर्मिलारिया रूट रोट, जैकेट रोट, फाइटोफ्थोरा रूट, क्राउन रोट,वर्टिसिलियम विल्ट, पके फल सड़न, शॉट होल रोग, बैक्टीरियल कैंकर, पाउडर मिडव, क्राउन पित्त, प्लम पॉक्स वायरस, जंग, यूरोपीय इयरविग, ग्रीन फ्रूट वर्म, फल ट्री लीफ रोलर, मीली प्लम एफिड और पीच टहनी बोरर जैसे रोग देखने को मिलते है। पौधे की बीमारियों और कीटों को नियंत्रित करने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लें और दवा का छिड़काव करना चाहिए।

Fruit harvesting in Apricot Farming | फलों की तुड़ाई

खुबानी के फल किस्म और भूमि के आधार पर मई-जून के अंत के पहले सप्ताह में पक सकते हैं। खुबानी पेड़ आमतौर पर 5 साल से फल देना शुरू करते हैं। यह पेड़ 8 से 10 साल की उम्र में ज्यादा फल देने की क्षमता रखते है। यह पेड़ 35 साल तक फल देते रहते हैं। किसान मैन्युअल रूप से फलों की कटाई कर सकते हैं। ताजे फल रखने के लिए फलों की सतह का रंग हरे से पीले रंग में बदलने के बाद तोड़ा जाना जरुरी होता है।

संपूर्ण पके खुबानी के फलों को सुखाने, खाने  और डिब्बाबंदी के लिए काट सकते है। फल खराब ना हो उसिलिये कटाई के बाद सावधानी बरतनी चाहिए। कटाई के पश्यात फलों को आकार के आधार पर अलग करें, और लकड़ी या प्लास्टिक के बक्से में पैक करलेने चाहिए। 86 % से 95 % सापेक्ष आर्द्रता बनाए रखते हुए खुबानी को 0°C पर 1 से 2 सप्ताह के लिए संग्रहित कर सकते है।

Fruit yield and benefits in Apricot Farming | पैदावार और लाभ

उपज में सटीक उपज बताना संभव नहीं है। क्योकि आपकी जमीन, खाद,देखभाल पर उसकी उपज निर्भर करती है। मगर औसत उपज प्रति पेड़ 50 से 85 किलो की होती है। खुबानी को बेचन या विपणन आसान है। किसान अपने उत्पादों को स्थानीय बाजार में आसानी से बेच सकते है। लेकिन व्यवसाय को शुरू करने से पहले  मार्केटिंग रणनीतियाँ तैयार करनी जरुरी है। खुबानी की कीमत बाज़ार में 100 रूपये प्रति किलो का होता है। उसके हिसाब से एक हेक्टेयर से 20 लाख तक की कमाई कर सकता हैं। उसके सुखाने पर भाव और ज्यादा मिलता है। 

Apricot Farming In Hindi Video

Interesting Fact

  • खुबानी की खेती नगदी फसल के रूप में की जाती है। 
  • एक गुठली वर्गीय खुबानी की खेती सबसे ज्यादा तुर्की में होती है। 
  • सूखी खुबानी को बादाम, अखरोट की तरह खुश्क मेवा की तरह उपयोग होता है। 
  • खुबानी के फलों से अच्छी किस्म से मदिरा और नेक्टर तैयार होता हैं। 
  • खुबानी के फल पीले, सफेद, काले, गुलाबी और भूरे होते हैं। 
  • भारत में खुबानी की खेती कश्मीर, उतराखंड और हिमाचल में होती है। 
  • खुबानी में कच्चे आम व चीनी मिलाकर बहुत स्वादिष्ट चटनी बनती है। 

FAQ

Q .खुबानी क्या है?

खुबानी एक मंहगा और स्वादिस्ट फल वह पीले, सफेद, काले, गुलाबी और भूरे होते हैं।

Q .खुबानी का पेड़ कैसा होता है?

खुबानी का पौधा सामान्य ऊंचाई का और फल पीले, सफेद, काले, गुलाबी और भूरे होते हैं। 

Q .खुबानी फल का दूसरा नाम क्या है?

खुबानी का दूसरा नाम अंग्रेजी भाषा में एप्रिकॉट है।

Q .खुबानी को कैसे खाते हैं या खुबानी को कैसे खाना चाहिए?

सभी लोग खाली पेट या ब्रेकफास्ट के साथ खा सकते हैं।

Q .खुबानी का अर्थ क्या है?

ख़ुबानी वनस्पति-विज्ञान के नज़रिए से आलू बुख़ारा और आड़ू के वनस्पति परिवार का फल हैं।

Conclusion

आपको मेरा Apricot Farming In Hindi | Apricot Cultivation बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने Khubani farming, Apricot farming in india

और Apricot in hindi से सम्बंधित जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

Note

आपके पास  Apricot price in india , Apricot dry fruit या Dry Apricot benefits की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।

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