Banana farming in india hindi में आपका स्वागत है। आज हम केले की खेती कैसे करें, केले का बागान एक वाणिज्यिक कृषि है। जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है। भारत में आम के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण फल केला (Musa sp) है। यह फल केला (मूसा सपा।) भारत में आम के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फल फसल है। इसकी साल भर उपलब्धता, सामर्थ्य, वैराइटी रेंज, स्वाद, पोषक और औषधीय मूल्य से सभी वर्गों के लोगों का पसंदीदा फल है।
किसानों के लिए केले की खेती (Banana Cultivation) एक अच्छी आमदानी का जरिया भी बन सकता है। ऐसा कहा जाता है, कि केले की खेती प्राचीन समय में मलेशिया में शुरू हुई थी। लेकिन वर्तमान समय में भारत के कई राज्यों में केले की खेती की जाती है। उसमे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और असम शामिल है। किसानो को खेले की खेती बड़े पैमाने कैसे करनी चाहिए। और किस तरह से ज्यादा मुनाफा निकल सकते है। उसकी जानकरी हम बताने वाले है।
भारत में केले का महत्व
केला भारत की प्रमुख और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फल फसलों में से एक माना जाता है। भारत में कुल फसल क्षेत्र में केले का क्षेत्रफल 20% है। अधिकांश केले को सकर्स लगाकर उगाया जाता है। कृषि में प्रौद्योगिकी विकास बहुत तेज है। उसके परिणामस्वरूप ऊतक संवर्धन तकनीक विकसित होती है। टिश्यू कल्चर केला बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

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Banana Farming के लिए मिट्टी
किसानो को बनाना फार्मिंग के लिए 6.5 – 7.5 के बीच पीएच वाली गहरी, समृद्ध दोमट मिट्टी पसंद करनी चाहिए। केले के लिए मिट्टी में अच्छी जल निकासी, पर्याप्त उर्वरता और नमी होना बहुत जरुरी है। केले की खेती के लिए शांत मिट्टी, खारी ठोस जरुरी नहीं है। एक मिट्टी जो न तो बहुत अम्लीय है। एव न ही बहुत क्षारीय, उच्च नाइट्रोजन सामग्री, पर्याप्त फास्फोरस स्तर और भरपूर पोटाश युक्त कार्बनिक पदार्थों से भरपूर केले की खेती के लिए अच्छी होती है।
केले की खेती के लिए जलवायु

यह फसल के लिए जलवायु की बात करे तो केला उष्णकटिबंधीय फसल है। जिसको 75-85% की सापेक्ष आर्द्रता के साथ 15ºC – 35ºC के तापमान रेंज में अच्छी तरह से विकसित होती है। यह फसल समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है। एमएसएल से ऊपर भारत में केले की खेती उपयुक्त किस्मों के चयन के माध्यम से आर्द्र उष्णकटिबंधीय से लेकर शुष्क हल्के उपोष्णकटिबंधीय तक की जलवायु में की जा रही है। हवा का उच्च वेग फसल को नुकसान पहुंचाता है। मानसून के चार महीने (जून से सितंबर) औसत 650-750 मिमी के साथ। केले की जोरदार वानस्पतिक वृद्धि के लिए वर्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
Banana Farming खेत की तैयारी
किसानो को सबसे पहले गर्मी में एक गहरी जुताई करनी चाहिए। बाद खेत को कुछ दिनों के लिए धूप लगने दे। उसके बाद उसके बाद खेत की 3 से 4 जुताई करना चाहिए। खेत की सबसे अंतिम जुताई के समय वर्मी कम्पोट और गोबर खाद डालना बहुत जरुरी है। उसके बाद खेत को ब्लेड से या लेवलर की मदद से समतल कर लेना चाहिए। यह खेत आपका केले की खेती के लिए तैयार है। आमतौर पर 45cm x 45cm x 45cm के आकार के गड्ढे की आवश्यकता होती है। गड्ढों को 10 किलो गोबर की खाद (अच्छी तरह से विघटित), 250 ग्राम नीम की खली और 20 ग्राम कोनबोफ्यूरॉन के साथ मिश्रित ऊपरी मिट्टी के साथ फिर से भरना है।

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केले के पौधों की रोपाई
अच्छे केले की पौधों की रोपाई का समय फरवरी से मार्च महीने का पहला सप्ताह अच्छा होता है। पौधों की रोपाई के लिए 45 से 60 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा करें। कुछ समय के लिए गड्डों को धूप में खुला छोड़ देंना है। जिससे जमीन में रहे कीट मर जाएंगे। अब गड्डे में पौधों के साथ गोबर खाद, नीम केक और कार्बोफ्युरॉन डालें। और गड्डों में मिट्टी अच्छी तरह से दबा दें। पौधें की रोपाई ज्यादा गहराई में न करें।
Banana Farming केले की किस्में
- ड्वार्फ कैवेंडिश
- रोबस्टा
- मोन्थन
- पूवन
- नेंद्रन
- लाल केला
- न्याली
- सफेद वेल्ची
- बसराय
- अर्धपुरी
- रास्थली
- करपुरवल्ली
- करथली
- ग्रैंडनाइन

बीज की मात्रा और उपचार
केले के पौधों के बीच 1.8×1.5 मीटर दूरी रखे तो एक एकड़ में करीब 1500 पौधे लगते हैं। वहीं अगर पौधों के बीच 2 मीटर x 2.5 मीटर की दूरी रखे। तो एक एकड़ में तक़रीबन 800 पौधे जरुरत रहती है। खेत में रोपाई से पहले पौधों की जड़ों को धोकर क्लोरपाइरीफॉस 20 ई. सी. 2.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाए। और बाद में उसमें डुबोएं। और वहीं गांठों को निमोटोड से बचाने के लिए कार्बोफ्युरॉन 3 प्रतिशत सी जी 50 ग्राम में पौधों की जड़ को डुबोए।
Banana Farming खरपतवार नियंत्रण
किसानो को खरपतवारों को पहली जुताई के समय खेत से निकाल देना बहुत जरुरी है। क्योकि अच्छी फसल लिए जमीन अच्छी होनी चाहिए। केले के पौधों के अंकुरण के पश्यात ड्यूरॉन 80 प्रतिशत डब्लयुपी 800 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करना चाहिए। जिससे आप की फसल अच्छे से विकसित होती है।

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Fertilizer for Banana Farming
सभी किसानो को अच्छी उपज लेने के लिए यूरिया 450 ग्राम, म्यूरेट ऑफ पोटाश 350 ग्राम लेकर 5 भागों में बांटकर लें जिसे प्रति पौधे में पांच बार डालना है। पहली वक्त फरवरी, दूसरा मार्च, तीसरा जून, चौथा जुलाई और पांचवा अगस्त में डालना है। अगर आप ऑर्गनिक तरीके से फसलों को उगाना चाहते है। तो आपको यूरिया का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
केले की खेती के लिए सिंचाई
किसान को केले की ज्यादा और अच्छी पैदावार के लिए 75 से 80 सिंचाइयों की जरुरत रहती है। सर्दियों के मौसम में 7-8 दिन और गर्मियों के मौसम में 4-5 दिन के अंतरमें सिंचाई करना बहुत जरुरी है। आपको बता दें कि किसी भी फसल से अच्छी पैदावार उत्पन्न करने के लिए नियमित सिंचाई की बेहद आवश्यक होती है। वैसे ही यह फसल भी पानी से ही विकास करती है।

केले की खेती के लिए कटाई
पौधे रोपने के पश्यात एक साल के समय में केले के फल की तुड़ाई शुरू होती है। उस समय के दौरान एक बात का ख्याल रखे कि लोकल मार्केट के लिए केले के पूरी तरह पकने के बाद ही तुड़ाई करना चाहिए। और आपको अगर कहीं दूर मंडी ले जाने के लिए केले की तुड़ाई उस समय करें जब केला 75-80 % पका हो जिससे आप के फल बहुत अच्छे से बिक सकते है। नहीं तो ख़राब होते है।
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Banana Farming Video
Interesting Fact
- केले की पौधों की रोपाई का सही समय मध्य फरवरी से मार्च का पहला सप्ताह है।
- Banana Cultivation किसानों के लिए अच्छी आमदानी का जरिया हो सकता है।
- 4 हजार साल पहले मलेशिया में केले की खेती शुरू हुई थी।
- वर्ष भर रोपण संभव है। क्योकि वर्ष भर रोपाई उपलब्ध कराई जाती है।
- केले की खेती के लिए गहरी गाद वाली चिकनी, दोमट और उच्च दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

FAQ
Q : केले की खेती कौन से महीने में की जाती है?
केले की खेती में रोपाई जून और जुलाई में होती है।
Q : केले के पेड़ में फल कब लगता है?
केले में रोपण के लगभग 12 माह बाद फूल आते हैं।
Q : केले में कौन सी खाद डालें?
जैविक व कंपोस्ट खाद केला रोपने के पहले ढेंचा, लोबिया जैसी हरी खाद की फसल उगाकर मिट्टी में पलट दे।
Q : क्या केला पेड़ पर पकता है?
हा केला पेड़ पर पक सकता है।
Q : केला कितने दिन में पक जाता है?
काटनेे के बाद अधिकतम 15 दिनमें पक जाता है।
Q : क्या केले का पेड़ घर में लगाना चाहिए?
केले के पेड़ को हमेशा घर के पिछले हिस्से में लगाना चाहिए।
Q : केले के पेड़ पर कितनी बार फल देता है?
केले का पेड़ जीवनकाल में एक बार फल देता है।
Conclusion
आपको मेरा Banana Farming | Banana Plantation बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने banana farming in hindi
और banana plantation spacing से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
Note
आपके पास banana plantation process या केले की खेती का वर्णन की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।