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Biofertilizers | बायो फ़र्टिलाइज़र (जैव उर्वरक) क्या है – प्रकार, प्रयोग और लाभ

नमस्कार दोस्तों Biofertilizers In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम जैव उर्वरक क्या है यह कितने प्रकार के होते है उनके लाभ एवं प्रयोग की विधि की जानकारी बताने वाले है। जैव उर्वरक ऐसा पदार्थ है जिसमें सूक्ष्मजीव की जीवित या गुप्त कोशिकाएँ होती हैं। जैव उर्वरक पौधे के राइजोस्फीयर को उपनिवेशित करके बीज या पौधे की सतह या मिट्टी पर लागू होने पर पौधों के पोषक तत्व को बढ़ाते हैं। जैव उर्वरक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में किसानो को अधिक किफायती साबित होते हैं।

What is Biofertilizers जैव उर्वरक क्या है

बायो फ़र्टिलाइज़र में रोगाणु होते हैं, वह पौधों को जरुरी पोषक तत्वों की आपूर्ति बढ़ाकर पौधों और पेड़ों के विकसीत करता है। उसमें जीवित जीव होते हैं। उसमे माइकोरिज़ल कवक, नीले-हरे शैवाल और बैक्टीरिया शामिल होते हैं। माइकोरिज़ल कवक अधिमानत पौधे के लिए कार्बनिक पदार्थों से खनिजों को निकालते हैं। और साइनोबैक्टीरिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण की संपत्ति की विशेषता है। नाइट्रोजन निर्धारण को डाइ-नाइट्रोजन अणुओं को अमोनिया में परिवर्तित करने की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित करता है।

Biofertilizers Photos

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Biofertilizers जैव उर्वरक के लाभ

बायो फ़र्टिलाइज़र के उपयोग से मिट्टी की क्षारीय स्थिति में सुधार दिखाई देता है। 

जैव उर्वरक जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ा कर ठीक करता है। 

जैव उर्वरक रोगजनकों को पनपने नहीं देते हैं।

बायो फ़र्टिलाइज़र के उपयोग से अंकुरण जल्दी होता है। 

जैव उर्वरक से पौधे की टहनियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। 

उससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ ह्यूमस में वृद्धि, मिट्टी की रासायनिक एव भौतिक स्थिति में सुधार होता है। 

बायो फ़र्टिलाइज़र के उपयोग से फसलों में 10 से 15 % उत्पादन बढ़ता है। 

जैव उर्वरक से तिलहन फसलों के तेल में बढ़ोतरी होती है|

रासायनिक खादों के नाइट्रोजन और फास्फोरस की 15 से 25 % हिस्से की पूर्ति होती है। 

जैव उर्वरक पर्यावरण को प्रदूषकों से बचाते हैं।

अर्ध-शुष्क परिस्थितियों में भी जैव उर्वरक प्रभावी सिद्ध होते हैं।

Types of Biofertilizers जैव उर्वरक के प्रकार

Symbiotic Nitrogen-Fixing Cyanobacteria – सहजीवी नाइट्रोजन साइनोबैक्टीरिया नीले-हरे शैवाल या सायनोबैक्टीरिया कई पौधों के साथ जुड़े होते है। उसको लिवरवॉर्ट्स, साइकैड रूट्स, फ़र्न और लाइकेन कहते हैं। एनाबीना फर्न पत्ती की गुहाओं में होता है। वह नाइट्रोजन स्थिरीकरण के लिए होते है। फर्न के पौधे सड़ जाते हैं। और चावल के पौधों के उपयोग के लिए छोड़ देते हैं।

जैव उर्वरक की फोटो गैलरी

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Free-Living Nitrogen-Fixing Bacteria – फ्री-लिविंग नाइट्रोजन मुक्त रहने वाले मृदा जीवाणु हैं। वह सैप्रोट्रॉफ़िक अवायवीय उसको क्लोस्ट्रीडियम बेजरिनकी और एज़ोटोबैक्टर कहते है। उस जैव उर्वरकों में राइजोबियम और एज़ोस्पिरिलम का उपयोग किया जाता है।

Symbiotic Nitrogen-Fixing Bacteria – सहजीवी नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया में से एक है। यहां जीवाणु आश्रय लेते हैं और पौधों से भोजन प्राप्त कर पौधों को निश्चित नाइट्रोजन प्रदान करते हैं।

Loose Association of Nitrogen-Fixing Bacteria – यह एज़ोस्पिरिलम एक नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया है। जो उच्च पौधों की जड़ों के आसपास होते है। मगर पौधों के साथ संबंध विकसित नहीं करता है। उसको राइजोस्फीयर एसोसिएशन कहा जाता है। वह बैक्टीरिया पौधे के एक्सयूडेट को इकट्ठा कर उसका भोजन करते हैं।

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Components of Biofertilizers जैव उर्वरक के घटक

बायो फ़र्टिलाइज़र फोटो

Phosphorus फास्फोरस

फास्फोरस पौधों की वृद्धि और विकास के लिए जरुरी पोषक तत्वों में से एक है। फॉस्फेट सूक्ष्मजीवों को घोलता और अघुलनशील फास्फोरस यौगिकों को पौधों से अवशोषित कर घुलनशील रूप में हाइड्रोलाइज करता है। उसमें कई कवक और पेनिसिलियम, एस्परगिलस, बैसिलस और स्यूडोमोनास जैसे बैक्टीरिया का प्रयोग किया जाता है।

Tricho-Card ट्राइको कार्ड

यह पर्यावरण के अनुकूल और गैर-रोगजनक उत्पाद है। उस का उपयोग कई फसलों के साथ बागवानी एव सजावटी पौधों में होता है। उसमे धान सेब, गन्ना, बैंगन, मक्का, कपास, सब्जियां और साइट्रस शामिल है। यह उत्पादक विध्वंसक के रूप में काम करता है। खेत में कई छिद्रों, टहनियों, फलों, पत्तियों और फूल खाने वालों रोगजनकों के अंडों के साथ लड़ता है।

Bio Compost जैव खाद

यह जैव खाद चीनी उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से बने पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों में से है। वह मानव के अनुकूल बैक्टीरिया, कवक और विभिन्न पौधों के साथ बढ़ाया जाता है।

जैव उर्वरक फोटो

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Vermicompost कृमि खाद

यह पर्यावरण के अनुकूल जैविक उर्वरक और उसमें विटामिन, हार्मोन, कार्बनिक कार्बन, सल्फर और एंटीबायोटिक्स होते हैं। उससे उपज की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाती हैं। वर्मीकम्पोस्ट मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है।

Azotobacter एजोटोबैक्टर

जैव खाद मिट्टी में मौजूद रोगजनकों से जड़ों की रक्षा करता और वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करता है। नाइट्रोजन पौधे के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व और वातावरण का 78% नाइट्रोजन होता है।

Biofertilizers जैव उर्वरकों के प्रयोग

पौध जड़ उपचार विधि

धान और सब्जी वाली फसल में पौधे की रोपाई की जाती है। उसमे टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी और प्याज की जड़ों को जैव उर्वरकों से उपचारित कर सकते है| उसके लिए खुला बर्तन उसमें 6 से 8 लिटर पानी में 1 किलोग्राम एजोटोबैक्टर और 1 किलोग्राम फास्फोरस विलायक जीवाणु व 250 से 300 ग्राम गुड़ मिलाकर घोल के पौध को उखाड़ कर जड़े साफ कर ले उनको जैव उर्वरक के घोल में 10 मिनट डुबो दे और रोपाई कर देते है|

बायो फ़र्टिलाइज़र की फोटो गैलरी

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मृदा उपचार

जैव उर्वरकों को खाद उर्वरकों के साथ मिलाकर एक रात के लिए रखते है। उसके बाद मिश्रण को मिट्टी में फैला दिया जाता है। जहां बीज बोना होता है। 5 से 10 किलोग्राम बायो फ़र्टिलाइज़र फसल के मुताबिक 80 से 100 किलोग्राम मिट्टी या कम्पोस्ट खाद का मिश्रण कर 10 से 12 घंटे के लिए छोड़ दे उसको अंतिम जुताई में खेत में मिला देना है|

बीज उपचार 

फसल के बीजों को नाइट्रोजन और फास्फोरस के उर्वरकों के मिश्रण में डुबोते है। उसके बाद बीजों को सुखाकर बोया जाता है। बायो फ़र्टिलाइज़र के प्रयोग की यह सबसे अच्छी विधि होती है। 1 लिटर पानी मे 100 से 110 ग्राम गुड़ के साथ जैव उर्वरक मिलकर घोलले। उसको 20 किलोग्राम बीज पर छिड़क कर बीजों पर परत बना देना हैं। उसके बाद छायादार जगह पर सुखा दे सुख जाने के बाद बिजाई कर दे।

Biofertilizers की सावधानियां

बायो फ़र्टिलाइज़र को छायादार स्थान पर ही रखना है। 

जैव उर्वरक को तारीख समाप्ति के बाद प्रयोग नही करना है। 

जीवाणु टीकों के प्रयोग बारे कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए।

फसल के मुताबिक ही जैव उर्वरक की पसंदगी करनी चाहिए। 

जैव उर्वरक खरीद में उर्वरक का नाम, प्रयोग की रीत और अंतिम तारीख जांचे करले। 

पैकेटों का प्रयोग जिस फसल के लिए है उसमे ही प्रयोग करें।

फसल और कम्पनी के मापदंड़ो के अनुसार प्रयोग करें। 

पैकेट को केवल प्रयोग के समय ही खोलना चाहिए।

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Bio Fertilizer In Hindi Video

Interesting Fact

बायो फ़र्टिलाइज़र एक जीवित उर्वरक है। 

जैव उर्वरक पौधों के साथ रहकर वायुमण्डलीय नत्रजन को मृदा में स्थिर करते है। 

इनके प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। 

यह मिट्टी में पौधों को अनुपलब्ध अवस्था से उपलब्ध अवस्था में बदल देता है। 

जीवाणु जैव उर्वरक खेती एवं कृषि कार्यों के लिए लाभदायक होते हैं। 

जैव उर्वरक में फसलों के लिये उपयोगी जीवाणुओं को मिलाकर पैकेट बनाते हैं।

FAQ

Q .जैव उर्वरकों के उपयोग की क्या आवश्यकता है?

मिट्टी की उर्वरता को बहाल करने के लिए जैव उर्वरकों की आवश्यकता होती है।

Q .जैव उर्वरक के रूप में उपयोग किए जाने वाले सूक्ष्मजीव क्या हैं?

राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, एज़ोस्पिरिलियम

Q .जैव उर्वरक पौधों की वृद्धि को कैसे बढ़ावा देते हैं?

जैव उर्वरक कुछ सूक्ष्मजीवों का उपयोग करते हैं।

Q .जैव उर्वरक के मुख्य स्रोत क्या हैं?

जैव उर्वरकों के मुख्य स्रोतों में बैक्टीरिया, साइनोबैक्टीरिया और कवक शामिल हैं।

Q .जैव उर्वरक के उदाहरण दीजिए?

लेग्यूम-राइजोबियम सहजीवन और एजोला-एनाबीना सहजीवन 

Conclusion

आपको मेरा Biofertilizers Information In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने List of biofertilizers, Biofertilizers production in india और Advantages of biofertilizers से सम्बंधित जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

Note

आपके पास Biopesticides and biofertilizers या Uses of biofertilizers की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।

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