नमस्कार दोस्तों आज हम Carrot in Hindi में आपका स्वागत है। आज हम गाजर की खेती कैसे करें | Carrot Cultivation | Gajar ki kheti | Carrot Growing Guide | Carrot farming in india | Carrot season in india | gajar ki kheti in hindi | Carrot crop season | carrots farming | गाजर उत्पादन तकनीक | गाजर की खेती कैसे होती है | गाजर की खेती से कमाई | गाजर की खेती कब और कैसे करें और गाजर की खेती के बारे में जानकारी बताने वाले है। गाजर एक महत्वपूर्ण जड़वाली सब्जी की फ़सल है। हमारे भारत में गाजर की खेती पूरे साल में की जाती है गाजर को कच्चा और पकाकर दोनों तरीके से लोग उपयोग करते है।
आमतौर पर गाजर सर्दियों के मौसम की फसल है। और अगर उस फसल को 15 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस पर उगाया जाए तो उसका विकास और रंग बहुत ही अच्छा विकसित होता है। गाजर की फसल को गहरी ढीली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है। और फसल के अधिक उत्पादन के लिए पीएच 6.0 से 7.0 के बीच होना बहुत जरुरी है। कोई भी व्यक्ति यह फसल को अपने किचन गार्डन में आसानी से उगा सकते हैं। उसके लिए आपको थोड़ा सा मार्गदर्शन जरुरी होता है। की उसको कब और कैसे उगाना है।
Carrot Farming Information in Hindi
बगीचे और खेत में उगाई गई गाजर स्वाद और मिनरल्स से भरपूर होती है। यह एक लोकप्रिय एव लंबे समय तक चलने वाली जड़ वाली सब्जी हैं। उसको कई जलवायु में उगाया जा सकता है। गाजर बोने, उगाने और कटाई के बारे में सब कुछ जानने के लिए आप हमारा लेख जरूर पढ़े गाजर को उगाना आसान होता है, यह मौसम की ठंडी अवधि के दौरान ढीली, रेतीली मिट्टी में लगाए जाते हैं। यह फसल वसंत और पतझड़ (गाजर ठंढ को सहन कर सकते हैं)। विविधता और स्थानीय बढ़ती परिस्थितियों के आधार पर, गाजर को परिपक्व होने में 2 से 4 महीने तक का समय लग सकता है।

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गाजर खाने के फायदे एवम उपयोग
- गाजर (Carrot) की जड़ में अल्फा और बीटा कॅरोटीन का प्रमाण ज्यादा होता है।
- वह विटामिन के और विटामिन बी 6 का अच्छा स्रोत है।
- गाजर में काफी मात्रा में विटामिन व मिनरल पाए जाते हैं।
- उसका ज्यूस बनाकर पीया जाता है।
- गाजर की सब्जी,सलाद, अचार, हलवा आदि बनाया जाता हैं।
- नियमित रूप से गाजर खाने से जठर में होने वाला अल्सर और पचन के विकार दूर होते हैं।
- उसका सेवन पीलिया की समस्या को दूर करता है।
- इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करके आंखों की रोशनी बढ़ता है।
Carrot Farming जलवायु

गाजर ठंड के मौसम की फसल होती है, और गर्म जलवायु में भी अच्छा विकास करती है। उत्कृष्ट वृद्धि कराने के लिए तापमान 16 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच होना जरुरी होता है। लेकिन 28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान फसल की वृद्धि को कम कर देता है। 16 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान फसल के रंग को ज्यादा विकसित करता हैं। और फसल की जड़ें लंबी पतली होती हैं। लेकिन उच्च तापमान छोटी और मोटी जड़ें पैदा करता हैं। 15 और 20 डिग्री के बीच तापमान में बहुत अच्छा लाल रंग और गुणवत्ता के साथ फसल मिलती हैं।
Soil Requirement For Carrot Farming भूमि और तैयारी
गाजर की खेती दोमट भूमि में बहुत अच्छी होती है। उसके बुआई के समय खेत की मिट्टी अच्छी तरह भुरभुरी होनी जरुरी है। उससे जड़ें अच्छी विकसित होती है। भूमि में पानी निकासी होना बहुत जरुरी हैI फसल लगाने से अफ्ले में खेत को दो बार विक्ट्री हल से जोतना जरुरी है। उस में 3-4 जुताइयाँ देशी हल से करें तो सबसे अच्छा मानाजाता है। हर जुताई के उपरांत पाटा अवश्य लगाएं। क्योकि मिटटी भुरभुरी हो जाए 30 सेमी 0 गहराई तक भुरभुरी होना चाहिए।

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Carrot Farming Advanced varieties उन्नत किस्में
नैन्टस – यह प्रकार की क़िस्म की जडें बेलनाकार नांरगी होती है। उसकी जड़ में मुख्य भाग मुलायम, मीठा और सुवासयुक्त होता है। यह किस्म 110 से 115 दिन में निकल ने के लिए तैयार होती है। उसकी पैदावार 100-125 क्विंटल प्रति हेक्टर है।
पूसा केसर – यह प्रकार की क़िस्म की जड लाल और यह उत्तम गाजर की क़िस्म मानीजाती है। उसकी पत्तियाँ छोटी और जड़ें लम्बी, आकर्षक होता है। उसका मुख्य भाग छोटा होता है। यह किस्म की फ़सल 95 से 110 दिन में तैयार होती है। उसकी पैदावार 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टर होने का अंदाजा है।
पूसा यमदाग्नि – यह किस्म आई ए आर आई के क्षेत्रीय केन्द्र कटराइन ने विक्सित की है। यह किस्म की पैदावार 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है।
घाली – यह किस्म नारंगी गूदे, छोटी टॉप तथा कैरोटीन की मात्रा जयदा वाली संकर किस्म है। उसकी बुआई, अगस्त-सितम्बर तक होती है। उसमे बीज उत्पन्न होता है। और फ़सल 100 से 110 दिन में तैयार होती है। उसकी पैदावार 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टर मिलती है।
Carrot Farming में रोपण
गाजर के बीज 5 से 6 किग्रा/हेक्टेयर के बीज दर से खेत में बोये जाते हैं। उसका नाप गाजर की किस्म पर निर्भर होता है। बीज छोटे होते हैं एव 800 प्रति ग्राम। से तीन वर्षों तक और 85% अंकुरण तक व्यवहार्य रहते हैं। मगर कुछ स्थानीय किस्मों का अंकुरण अपर्याप्त हो सकता है। इसीलिए बीज की जरुरत की गणना करते समय अंकुरण प्रतिशत का पता लगाना जरुरी है। अच्छा परिणामों के लिए विश्वसनीय स्रोतों से स्वच्छ, स्वस्थ और व्यवहार्य बीज प्राप्त करना चाहिए। बीजों को पूर्ण अंकुरण में 7 से 21 दिन का समय लगता हैं। अच्छा बीज अंकुरण 20-30 डिग्री सेल्सियस पर होता है। भारत में गाजर की खेती का अच्छा समय सितंबर है।
Carrot Farming में सिंचाई
- फसल की बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी जरुरी है।
- फसल की पहली सिंचाई बीज उगने के तुरंत बाद करें।
- उसके शुरू में 8-10 दिन के अन्तर पर पानी देना जरुरी होता है।
- और उसके पश्यात 12-15 दिन के अन्तर पर सिंचाई करें।
- अगर टपक पद्धति से सिचाई करते है। तो यह विकल्प बहुत अच्छा साबित होता है।
- क्योकि उसमे जल निकासी की जरुरत नहीं रहती है।
- फसल की सिंचाई में ज्यादा पानी नहीं रहना चाहिए। नहीं तो पौधे नस्ट हो जाते है।

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Carrot Farming Manures and Fertilizers
गाजर की फसल में एक हेक्टेअर खेत में तक़रीबन 25-30 टन सडी गोबर की खाद अन्तिम जुताई के समय डालनी होती है। उसके साथ 30 कि०ग्रा० नाइट्रोजन तथा 30 किग्रा पौटाश प्रति हेक्टेअर की दर से बुआई के समय जरूर डाले उससे पौधा अच्छा विकसित होता है। बुआई के 5 सप्ताह बाद 30 किग्रा नाइट्रोजन को टॉप ड्रेसिंग के रूप मे डालना चाहिए। उसके अलावा आप भूमि परीक्षण के मुताबिक दाल सकते है।
Carrot Farming Weed control
गाजर कि फसल के साथ साथ कई खरपतवार उगते है। वह भूमि में नमी और पोषक तत्व को खा जाते है। उसके लिए उन्हें दूर करना जरुरी है। नहीं तो वह गाजर के पौधों का विकास और बढ़वार पर प्रभाव डालता है। इसीलिए उन्हें खेत से दूर करदेना चाहिए। फसल की निराई करते समय पक्तियों से आवश्यक पौधे निकाल कर मध्य कि दुरी अधिक कर देनी चाहिए। क्योकि वृद्धि करती हुई जड़ों के समीप हल्की निराई गुड़ाई करते रहना बहुत जरुरी होता है।
पौधे की देखभाल और रोग नियंत्रण
हानिकारक कीट और रोकथाम –
नीमाटोडस की रोकथाम के लिए नीम केक 0.5 टन प्रति एकड़ में बिजाई के समय डालना चाहिए।
पत्तों पर धब्बे –
यदि खेत में इसका नुकसान मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर पानी स्प्रे करें।
कीड़े मकोड़ों का प्रकोप –
नीम का काढ़ा पम्प से 10 – 15 दिन के अंतराल पर छिडकाव करे।
पौधे संक्रमित –
बीज को बोने से पूर्व गौ मूत्र से उपचारित करें। और हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

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Carrot Farming Digging and production पैदावार
प्रारंभिक गाजर की कटाई तब की जाती है जब फसल पूर्ण रूप से विकसित हो जाती हैं। बाजारों के लिए उसे मिट्टी में तब तक रखा जाता है। जब तक कि वे पूर्ण परिपक्व नहीं होते हैं। गाजर की कटाई तब की जाती है जब जड़ें लगभग 1.8 सेमी या ऊपरी सिरे पर व्यास में बड़ी होती हैं। मिट्टी को एक विशेष हल (गाजर उठाने वाला) या एक साधारण हल से ढीला किया जा सकता है। कटाई के दिन एक बार कटाई से पहले खेत की सिंचाई करनी है। कटाई के बाद गाजर को धोने से पहले पैकिंग हाउस में क्रेटों में रखा जाता है। उसके बाद गाजर को सावधानी से धोए।
उपज
गाजर की उपज अलग अलग किस्म के अनुसार अलग होती है।
उष्ण कटिबंधीय प्रकारों में तक़रीबन 20 से 30 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन देता है।
समशीतोष्ण प्रकार विस्तार में फसल की किस्म 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर दे सकती है।
Carrot Farming Video
Interesting Fact
- गाजर को कच्चा एवं पकाकर दोनों ही तरह से लोग प्रयोग करते है।
- गाजर की हरी पत्तियो में प्रोटीन, मिनिरल्स एवं विटामिन्स बहुत ज्यादा पाये जाते है।
- मोटी, लंबी, लाल या नारंगी रंग की जड़ों वाली गाजर अच्छी मानी जाती है।
- गाजर उत्तर प्रदेश, असाम, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा में उगाई जाती है।
- इम्यूनिटी सिस्टम के साथ गाजर आँखों की रोशनी भी बढ़ती है।
- गाजर एकवर्षीय या दो वर्षीय फसल जो अंबैलीफराई फैमिली से संबंध रखती है।
- गाजर की खेती के बारे में पूरी जानकारी हमने बताई है।
FAQ
Q .गाजर की खेती कौन से महीने में की जाती है?
भारत में गाजर की खेती का अच्छा समय सितंबर है।
Q .गाजर के बीज कितने रुपए किलो है?
गाजर के बीज 85 रुपए से 90 रुपए की दर से बाजार में बेच देते हैं।
Q .गाजर की फसल कितने दिन की होती है?
गाजर की फसल 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाती हैं।
Q .गाजर का बीज कैसे बोए?
गाजर के बीज 2 x 2 फुट के अंतराल से 2 बीज प्रति स्थान पर बोए।
Q .गाजर की खेती कैसे करे?
हमारी वेबसाइट https://galaxyonlinecenter.com पर सम्पूर्ण जानकारी बताई है।
Q . गाजर का वैज्ञानिक नाम क्या है?
गाजर का वैज्ञानिक नाम डॉक्स केरोटा है।
Conclusion
आपको मेरा Carrot Farming Information Hindi | How is carrot cultivation बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने Gajar Ki Kheti Kaise Kare, How To Grow Carrots
और Carrot Farming in Hindi से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
Note
आपके पास how to do Carrot Farming , Carrot farming full information या Cultivation of carrots in Hindi की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।
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