आज हम Hydroponic Farming यानि बिना मिट्टी के खेती का आधुनिक तरीका जिससे बालकनी और छत से लेकर बेडरूम तक आप बहुत आसानी से सब्जिया और फल को उगा सकते हैं। यह खेती में आप बिना मिट्टी के पेड़-पौधों को उसकी जरुरत के मुताबिक पोषक तत्व, सूर्य प्रकाश और पानी देकर के उगा सकते हैं। के आर्टिकल में आप अपना खुद का हाइड्रोपोनिक सिस्टम कैसे बनाएं और कैसे होती है हाइड्रोपोनिक खेती? की जानकारी और एक शुरुआती गाइड बताने वाले है। आज के समय में बाजार से सब्जियां खरीदना बहुत महंगा और फिरभी अच्छी सब्जी या फल नहीं मिलते है।
इसीलिए ही कई लोग अपने घर पर ही बिना मिट्टी की खेती से अपने लिए घर में ही सब्जियां उगा लेते है। यह ऐसे लोग What Is Hydroponic Farming (हाइड्रोपोनिक खेती) कर सकते हैं। यह खेती को कोई भी व्यक्ति बहुत आसानी से बहुत कम जगह में ही अधिक खेती कर सकता है। आपको बतादे की उसके लिए आपको मिट्टी, जमीन या गमले की जरुरत नहीं रहती है। (How To Do Farming Without Soil) तो आइए हम बताते हैं। की हाइड्रोपोनिक्स के साथ शुरुआत कैसे करे।
Hydroponic Farming क्या होती है ?
ग्रीक भाषा में हाइड्रोपोनिक एक शब्द है उसका हिंदी मतलब है बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए खेती होता है। हाइड्रोपोनिक एक आधुनिक खेती पद्धति है ,उसमे सिर्फ पानी का उपयोग करके जलवायु को नियंत्रित करके खेती होती है। आपको बतादे की पानी के कंकड़ या साथ थोड़े बालू की जरूर रहती है।हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान 15-30 डिग्री रखना जरुरी है। उसके साथ आर्द्रता को 80-85 % रखा जाता है। उस खेती के पौधों को पोषक तत्व पानी से मिलते रहते हैं।

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कैसे होती है हाइड्रोपोनिक खेती ?
कोई भी हाइड्रोपोनिक खेती करना चाहता है (hydroponic farming at home in india) तो उसमे पाइपों की जरुरत होती है। पाइपों में ऊपर की तरफ छेद करके प्रयोग होता हैं। पाइपों के उस छेदों में सब्जिया या फल के पौधे लगाते हैं। पाइप पानी से भरा रहता है जिससे पौधों की जड़ें पानी में डूबी होती हैं। पाइपों मे रहे पानी में उस पौधो के जरुरत के पोषक तत्व घोला के दिए जाते है। उस पोषक तत्व से पौधे को विकसित किया जाता है। आपको बतादे की यह तकनीक नन्हें पौधों वाली सब्जिया और साल के लिए बहुत अच्छी साबित होती है। जैसे की शलजम, गाजर,मूली, मटर, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, तरबूज, अनानास, खरबूजा, तुलसी, अजवाइन, भिंडी और टमाटर उगाए जा सकते हैं।

Vertical Hydroponic Farming के फायदे –
यह खेती करने वाले व्यक्ति को सबसे बड़ा फायदा होता है कि खेती में जिस पानी की जरुरत रहती है। (hydroponic farming in india)उसमे से सिर्फ 10 % पानी का ही प्रयोग होता है यानि आपका 90 % पानी की बचत होती हैं। जिस जगह पानी की कमी यानी सिचाई की व्यवस्था नहीं होती है। फिरभी हाइड्रोपोनिक खेती कर सकते हैं। आपको बाजार से सब्जी या फल खरीद ने की कोई जरुरत नहीं रहती है। तीसरा आपको ऑर्गनिक खाना घर बैठे ही प्राप्त होता है। आप छोटी नस्ल वाले सब्जियों और फलों की खेती कर सकते हैं। आपको बेहद कम जगह में अधिक फसल ऊगा सकते हैं। आपको बतादे की सिर्फ 100 वर्ग फुट में ही 200 पौधे लगा सकते हैं। आपके फल या सब्जियों के पौधो को वातावरण से आने वाले कीटों से सुरक्षा मिलती है। यानि आपको कोई भी दवा का छिड़काव नहीं करना पड़ता है।

Hydroponic Farming से सब्जियां घर के अंदर भी उगाए –
खेती की हाइड्रोपोनिक सिस्टम (hydroponic farming india) से आप इंडोर यानी घर के अंदर खेती कर सकते है। और यह बहुत ही आसान हो गया है। उसके लिए आप अपने घर के अंदर कमरे की साइज के हिसाब से हाइड्रोपोनिक सिस्टम लगा सकते और खेती से सब्जिया तैयार कर सकते हैं। उस प्लान्ट के लिए आपको आर्टिफीशियल लाइट को भी रखना चाहिए। आपको बतादे की आर्टिफिशियल लाइट में हाइड्रोपोनिक खेती आधुनिक क्रांति की मिसाल है। कोई भी इन्सान अपने घर में ही फल एव सब्जियां उगाना चाहते हैं। उसे Hydroponic indoor plants का इस्तेमाल कर सकते हैं।

शुरुआत में अच्छा हाइड्रोपोनिक सिस्टम
DWC (डीप वाटर कल्चर) हाइड्रोपोनिक सिस्टम का प्रयोग सबसे आसान है। उसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। यह सिस्टम में पौधे की जड़े सीधे पोषक तत्वों वाले पानी में डुबो कर उसको विकसित किया जाता हैं। घरेलू उत्पादकों के लिए बाल्टियों या अपारदर्शी भंडारण कंटेनरों में उगाया जा सकता है। वाणिज्यिक उत्पादक राफ्ट को उपयोग करते पानी पर तैरते हैं। जल संस्कृति प्रणाली में डीडब्ल्यूसी सिस्टम पानी का पुनरावर्तन नहीं करता है। उसमे जड़ों द्वारा उपयोग की ऑक्सीजन को फिर से भरना पड़ता है।
हवा के छिद्र वाले स्थान मिट्टी में जड़ों के लिए जरुरी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और हाइड्रोपोनिक सिस्टम के पुनरावर्तन में, पानी को पंप करने की प्रक्रिया में प्रसारित किया जाता है। हम डीडब्ल्यूसी प्रणाली में एक वायु पंप का उपयोग करके एक वायु पत्थर (मछली टैंकों में प्रयुक्त) के साथ इसका उपाय कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पानी ऑक्सीजन से भरपूर बना रहे।

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डीडब्ल्यूसी सिस्टम –
अजमोद, लेट्यूस, बोक चोय, काले, चार्ड और तुलसी जैसे पौधो के लिए डीडब्ल्यूसी सिस्टम सबसे अच्छी साबित होती है। यह सभी फसलें और सभी पौधे के लिए सही नहीं है। क्योकि जिसकी जड़ ज्यादा लम्बी होती है। उसको सपोर्ट देना आवश्यक हो ता हैं। DWC सिस्टम में जड़ें अच्छी तरह से जुड़ी नहीं होती हैं और इसका मतलब है कि टमाटर जैसे लम्बे पौधे उगाना मुश्किल हो सकता है। मगर उसे आप उगाते हैं। तो पौधे को सीधा रखने के लिए सही सपोर्ट की जरुरत रहती है।

How to make a DWC hydroponic system at home
- शुद्ध बर्तन
- भंडारण कंटेनर या बाल्टी
- कठोर जल तरल पोषक तत्व (ए और बी)
- पीएच डाउन
- एयर स्टोन के साथ एयरपंप
- पीएच मीटर
- पिपेट
- मापने वाला बीकर
- ड्रिल
- छेद आर्बर के साथ देखा

Hydroponic Farming सिस्टम के लिए उपयुक्त कंटेनर –
- बाल्टी और गहरे भंडारण कंटेनर यह सिस्टम के लिए अच्छी तरह से फिट रहते हैं।
- क्योकि पानी की मात्रा जितनी गहरी होगी , पोषक तत्व उतने ही अधिक स्थिर होगा।
- सांद्रता और पीएच में पोषक तत्वों की उतार-चढ़ाव छोटे जलाशयों में अधिक होते है।
- आपको पानी को अधिक नियमित रूप से ऊपर रखना होगा।
- सूर्य प्रकाश कंटेनर में प्रवेश करने में सक्षम नहीं रहना चाहिए।
- नहीं तो पानी में शैवाल बढ़ने का जोखिम रहता है।

कंटेनर के ढक्कन में छेद –
सब्जी के पौधे शुद्ध गमलों में उगाना चाहिए। उसमे जड़ों को बढ़ने के लिए ज्यादा छेद बनाए जाते हैं। कंटेनर के ढक्कन में छेद ड्रिल करना होता है। उपयोग करने वाले जाल के बर्तनों का आकार छेद से बड़ा होना चाहिए जिससे वह गिरें नहीं। आप बड़े कंटेनर का उपयोग कर रहे है। तो ज्यादा छेद ड्रिल कर सकते हैं। छेदों को 15 सेमी जैसा बनाए और अगर 20 लीटर की बाल्टी उपयोग करते है। तो टमाटर जैसे कुछ बड़े पौधे के लिए अच्छा रहता है।
वायु पंप –
सिस्टम से वायु पंप जलाशय के बाहर रहना चाहिए। उसका चेक वाल्व बाहर रखना जरुरी है। पंप बंद होने पर पानी वापस बैक अप नहीं लेता है। यदि एक के साथ नहीं आता है। तो आपको पंप को जल स्तर से ऊपर रखना चाहिए। चेक वाल्व एव एयर स्टोन को टयूबिंग की लंबाई से कनेक्ट कर देना है। चेक वाल्व पर हवा के पत्थर का सामना कर रहा है। फिर आप अच्छे से चेक वाल्व को एयर पंप से कनेक्ट करदे।

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पोषक तत्व जोड़ें और पीएच समायोजित करें-
पानी से भरा सिस्टम बहुत भारी होता है। उसके लिए उसे पानी से भरने से पहले यह कि आप कंटेनर कहाँ रखना चाहते है। पानी से भरने से पहले 1-2 सेमी जगह छोड़ दें। आप बोतल पर दिए निर्देशों के मुताबिक हाइड्रोपोनिक पोषक तत्वों को पानी में मिलाना होगा। ए और बी पोषक तत्वों के प्रति लीटर 2 मिलीलीटर जोड़ने की सलाह देते है। आप भी गाइड के अनुसार देते रहे। पानी के पीएच को भी समायोजित बहुत जरुरी है। पीएच मीटर के प्रयोग से पीएच को मापें नल का पानी 6.5-7.5 पीएच होता है। सभी फल और सब्जिया जड़ी बूटियों को थोड़ा अम्लीय पोषक तत्व की आवश्यकता रहती है। एक पिपेट हाइड्रोपोनिक का उपयोग करके फॉस्फोरिक एसिड की बूंदों के साथ पीएच को 5.5-6.5 तक नीचे ला सकते हैं। पीएच को कम करते समय दस्ताने पहनें एव याद रखें कि लगाने के बाद घोल को अच्छी तरह मिक्स करले।
सिस्टम को कैसे जोड़े –
आप एयर पंप में प्लग करें एव एयर स्टोन को जलाशय में रखें। शीर्ष पर उसका ढक्कन फिट करके सुरक्षित करले। यह आपकी की सेटिंग लगभग समाप्त हो चुकी हैं। उसमे पौधों को जोड़ना सरल है। रॉकवूल प्लग में उगाए गए पौधों को नेट के बर्तनों में रखा जाता है। मिट्टी में उगाए गए पौधों का भी प्रयोग कर सकते हैं। मगर एक ऐसे माध्यम का उपयोग करने की सलाह देते हैं। जिससे कोई गड़बड़ ना हो जाये।
Hydroponic Farming सिस्टम की लागत और मुनाफा –
अगर आप के पास ज्यादा जगह है तो आपको बड़ा प्लान्ट लगाना चाहिए। नहीं तो आप छोटे प्लान्ट को भी बहुत आसानी से लगा सकते है। hydroponic farming setup cost in india हाइड्रोपोनिक खेती सिस्टम को 100 वर्ग फुट में लगाना है तो तक़रीबन 50-55 हजार रुपया आपको खर्च करना पड़ता है । 200 पौधे उगाने के लिए 100 वर्ग फुट की सिस्टम सही रहती है। अगर किसी के पास जगह छोटी है। वह छोटा हाइड्रोपोनिक सिस्टम को लगा सकता हैं।
आपको बाजार में बनाए हाइड्रोपोनिक सिस्टम को लेना या आप अपने मांग के हिसाब से भी बनवा सकते है। हाइड्रोपोनिक सिस्टम को लगाने के समय में लागत अधिक होती है। उसके हिसाब से मुनाफा भी मिलता है। यह खेती के लिए पूरी सिस्टम बनाना है। बनाने के कुछ वक्त के पश्यात मुनाफा कमाना शुरूहोता है। अपने होम में सब्जियां और फल तैयार करने के लिए यह तकनीक सुपर है।
How To Do Hydroponic Farming Video –
Interesting Fact –
- घर पर हाइड्रोपोनिकली उगाने के बहुत सारे लाभ हैं।
- पौष्टिक उत्पादों की नियमित आपूर्ति आपको सुपरमार्केट में जाने से बचाएगी।
- बहुत सारे अलग-अलग हाइड्रोपोनिक सिस्टम हैं।
- सिस्टम में पानी भरते समय पीएच स्तर की जाँच जरूर करले।
- सिस्टम को 14-21 दिनों में ताजे पानी से भरे और जलाशय को साफ करें।
- बिना मिट्टी के आप अपनी ज़रूरत की सब्ज़ियां और फल खुद उगा सकते है।
- जैविक तरीके से उगाये गए सब्ज़ियां और फल आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।
Hydroponic Farming FAQ –
हाइड्रोपोनिक फार्म कैसे शुरू करे?
ग्रो बैग और बोतलों में पौधे लगाकर हाइड्रोपोनिक्स यात्रा शुरू कर सकते हैं। खेत के लिए फूलगोभी, बैगन, मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, गाजर, चुकंदर, सलाद, अदरक हल्दी मेथी और पालक जैसी सब्जियां को लगाए।
हाइड्रोपोनिक फार्म स्थापित करने में कितना खर्च आता है?
एक एकड़ भूमि में हाइड्रोपोनिक फार्म स्थापित करने में लागत 110 लाख से 150 का होते है।
घर पर हीड्रोपोनिक्स कर सकते हैं?
हा कोई भी बहुत आसानी से घर पर हीड्रोपोनिक्स कर सकता हैं।
क्या हाइड्रोपोनिक खेती में पैसा है?
हा पहले खर्चा ज्यादा होता है ,मगर हाइड्रोपोनिक खेती में मुनाफा भी मिलता है।
क्या हाइड्रोपोनिक खेती सस्ती है?
हा लम्बे समय के लिए हाइड्रोपोनिक खेती सस्ती है।
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Conclusion –
आपको मेरा How To Do Hydroponic Farming बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने hydroponic farming cost , सबसे महंगी बिकने वाली फसल
और hydroponic farming training से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
Note –
आपके पास hydroponics setup cost at home,
हाइड्रोपोनिक खेती के पोषक तत्व या हाइड्रोपोनिक प्रशिक्षण की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद