How To Grow Aloe Vera – एलोवेरा (Aloe Vera) को घृत कुमारी और ग्वारपाठा के नाम से भी लोग जाना करते है। एलोवेरा एक ऐसा प्लांट है। जिसका न सिर्फ दवाई के लिए उपयोग किया जाता है। मगर रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ो में भी उसका उपयोग किया जाता है। जैसे की कंडीशनर, शैम्पू, जूस, टूथपेस्ट, साबुन, जैसी कई चीजे शामिल है। आज के समय में एलोवेरा फार्मिंग एक बढ़ता हुआ बिज़नेस है। जिसको ऊगा कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
प्राचीन काल से हजारों सालों से एलोवेरा के पौधे को उगाया करते हैं। उसका मुख्य कारन उसका उपयोग और फायदे है। उसके उपयोग एव औषधीय गुणों से उन्हें ज्यादा महत्व दीया जाता है। पौधों में से एक है, यदि आप सोच रहे हैं की पौधा कैसे उगा सकता हूं। तो उसके लिए यह आर्टिकल लिखा गया है। आपको बता रहा हूं कि घर में एलो के पौधे की देखभाल करना आसान है। एलोवेरा के पौधे की देखभाल कैसे करें, की सम्पूर्ण जानकारी के लिए लेख पढ़ते रहें।
How To Grow Aloe Vera –
एलोवेरा पौधे को लगाना और उस की देखभाल करना बहुत आसान होता है। यह आयुर्वेदिक पौधा एक रसीला है। और रसीले शुष्क परिस्थितियों में सबसे अच्छा उगता है। पौधे को उगाते समय कैक्टस पॉटिंग मिट्टी के मिश्रण एव नियमित पॉटिंग मिट्टी में रोपना चाहिए। लगाने वाले बर्तन में पानी निकासी छेद जरूर बनाये। क्योकि पौधे खड़े पानी को सहन नहीं कर सकते है । उसको उचित प्रकाश मिलना चाहिए। Aloe Vera indour plant को तेज रोशनी की जरूरत होती है। उसके लिए आपको खिड़की के नजदीक लगाना चाहिए।

एलोवेरा लगाने से पहले ध्यान रखें –
- यह एलोवेरा पौधा ड्राई होता है इसीलिए पानी से ज्यादा सूरज प्रकाश की जरुरत रहती है।
- उसके सूरज प्रकाश की आवश्यकता के लिए 7 से 9 घंटे की धूप जरूरी है।
- अगर प्लान्ट को आप घर में लगते है तो उसे खिड़की में रखना चाहिए ।
- जरुरत से ज्यादा प्रकाश इसकी पत्तियों को जला देता है।
- एलोवेरा के पौधा की पत्तियों का रंग पीला या भूरा दिखाई दे तो उन्हें धूप से हटाले ।
- अधिक पानी नही डालना चाहिए ज्यादा पानी से पौधे सड़ने लगते है।
- उससे रोपने से पहले गमले के नीचे एक छोटा सा छेद करने से पानी बह जाएगा ।
- एलोवेरा लगाते समय उसकी पत्तियां मिट्टी में नही रहनी चाहिए।
- एलोवेरा के पौधा को लगाने के थोड़े समय उसको ज्यादा पानी न दें।
- ऐसा करने से जड़ों को मिट्टी को अच्छी तरह से पकड़ने का समय मिलता है।
एलोवेरा के प्रकार – Types of Aloe plants
कुछ शोध एव संशोधनों के बाद पता चला कि 300 प्रकार के एलोवेरा होते हैं। 284 प्रकार के एलो वेरा में औषधीय गुण 0 से 15 % हुआ करते हैं। उसमे से 11किस्म के पौधे जहरीले हुआ करते हैं। उसमे से पांचअलग प्रकार में से एक एलो बारबाडेन्सिस मिलर है। उसमे से 100 % औषधि और दवाई दोनों के गुण पाए जाते है। उसका मुख्य प्रयोग जलने को शांत करने के लिए उपयोग किया जाता है। उसका प्रयोग सभी प्रकार की त्वचा के इलाज के लिए होता रहता है। एलोवेरा से निकलते उच्च स्तर के रस के कारन उसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में सबसे अधिक होता है। मुसब्बर Arborescens प्रकार के एलोविरा प्रजाति लाभकारी औषधीय और उपचार गुण से भरपूर हैं आज के समय में एएल-1, आईसी111269 और आईसी111271 हाईब्रिड प्रजाति के एलोवेरा भारत देश के राज्यों में उगाया जाता है।

- Lace aloe Vera
- Golden toothed aloe
- Tiger tooth aloe
- Short leaf aloe
- Red aloe
- Snake aloe
- Sun set aloe
- Malagasy tree
- spiral aloe
- Sand aloe
- Soap aloe
- Mountain aloe
- Tree aloe
- van balen aloe
- Candelabra aloe
- Cape aloe
- Hedgehog aloe
- Spiral aloe
- Aloe ballyi
एलोवेरा की खेती के लिए जलवायु और भूमि –
उष्ण जलवायु एलोवेरा की खेती के लिए सबसे अच्छी रहती है। एलोवेरा की खेती वैसे तो शुष्क विस्तारो में काम वर्षा और गर्म आर्द्र विस्तारो में सफलतापूर्वक होती रहती है। पौधा ज्यादा एव अत्यधिक ठंड की स्थिति के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। एलोवेरा की खेती के लिए जमीन, मिट्टी या भूमि की बात करे तो रेतीली से लेकर दोमट मिट्टी जैसी कई अलग अलग प्रकार की मिट्टी में उगना बहुत अच्छा होता है। आपको बतादे की रेतीली मिट्टी एलोवेरा की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है। उसको रोपने के लिए काली मिट्टी भी अच्छी रहती है। जमीन या मिटटी पसंद करने में ध्यान रखना चाहिए कि खेती के लिए भूमि जमीनी स्तर थोड़ी ऊंचाई पर होना चाहिए। और खेत मे से पानी निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योकि प्लान्ट में पानी ठहरना नहीं चाहिए। प्लान्ट की मिट्टी का पीएच मापन 8.5 होना जरुरी है।
इसके बारेमे भी पढ़िए – ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती कैसे करे
एलोवेरा कब लगाएं ? – How To Grow Aloe Vera
आपको एलोवेरा की खेती के बुवाई का उचित समय बताये तो अच्छे विकास के लिए एलोवेरा के पौधे जुलाई से अगस्त महीने में लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। आपको यह प्लान्ट को रोपने के लिए सर्दियों के मौसम को छोडक़र पूरे साल भी समय पसंद कर सकते है ।

एलोवेरा के लिए खेत की तैयारी –
खेती के बुवाई के समय जमीन को जुताई कर तैयार करना बहुत जरुरी होता है। मिट्टी की उर्वरता को सही करने के लिए आप जब अंतिम जुताई करे तब लगभग 15 से 20 टन सड़े गोबर की खाद अपने खेत में डालदे जिससे खेत बहुत अच्छे से तैयार हो जाएगा।
- पीएच लेवल
- ओर्गेनिक कार्बन
- इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी
- फोस्फोरस
- सल्फर
- आयरन
- कॉपर
- जिंक इत्यादि।
खेत में बीज की मात्रा –
उसकी बुवाई में बिजाई 6-8′ के पौध द्वारा किया जाना जरुरी है। प्लांट की बिजाई 3-4 महीने पुराने तीन – चार पत्तों वाले कंदो के जरिये करना चाहिए। अगर एक एकड़ जमीन में पौधे लगाना चाहते है। तो आपके पास करीब 5000 से 10000 सकर्स यानी कंदो की जरूरत रहती है। पौध की संख्या जमीन की उर्वरता और पौध से पौध की दूरी एव कतार से कतार की दूरी कितनी रखते है। उस पर ही निर्भर करता है।
बीज कहा से प्राप्त होते है
नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लान्ट जेनेटिक सोर्सेस ने एलोवेरा की कई किस्में विकसित की गई है। उन्होंने लोईन एव जेल उत्पादन की दृष्टि से उसका स्थापन है। उन्नत प्रजाति (अंकचा/ए०एल०-1) को सीमैप, लखनऊ ने विकसित की है। आपको वहा से बहुत आसानी से बीज प्राप्त हो सकते है। वाणिज्यिक खेती करने वाले किसानों ने पूर्व में ग्वारपाठा की खेती की हो और जूस/जेल आदि का उत्पादन में पत्तियों का व्यवहार कर रहे हों उससे सम्पर्क करना जरुरी है।

रोपण कैसे करते है –
यह प्लान्ट के रोपण के लिए खेत में खूड़ यानि रिजेज एंड फरोज बनाना चाहिए। एक मीटर में दो लाइने लगे ऐसी व्यवस्था करनी पड़ती है। और एक मीटर जगह छोड़ के फिरसे एक मीटर में दो लाइनें लगा है। पुराने पौधे के नजदीक से छोटे पौधे को निकालने के पश्यात पौधे के चारों तरफ मिटटी को अच्छे से दबा देना जरुरी है। एलोविरा खेत में पुराने पौधों से बारिश के मौसम में छोटे पौधे निकलते है। उसे आप बहुत आसानी से जड़ सहित निकालकर खेत में पौधारोपण के लिए उपयोग में ले सकते है। रोपण में नाली और डोली पर 40 सेंटी की दुरी रखनी चाहिए। रोपण घनत्व 50 हजार प्रति हेक्टेयर और 40 गुणा 45 सेंटीमीटर रखना चाहिए।
खेती में सिंचाई – How To Grow Aloe Vera
रोपण के तुरंत आपको एक सिंचाई करनी चाहिए। मगर उसके पश्यात जब भी पौधे को आवश्यकता अनुसार सिंचाई करना चाहिए। ज्यादा पानी पौधे के लिए नुकसान देता है। उसका ख्याल रखना चाहिए। और पानी देते रहना है। मगर समय-समय पर सिंचाई से पत्तों में जेल की मात्रा बढ़ती है। यह भी ध्यान रखना चाहिए जिससे आप बहुत अच्छी फसल प्राप्त कर सकते है।
एलोवेरा खेती का खर्चा –
इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के अनुसार एक हेक्टेयर में खेती करने के लिए आपको खर्च तक़रीबन 27,500 रुपए लगता है। लेकिन खेत तैयारी, खाद और मजदूरी को जोडक़र पहले साल में यह खर्च 50,000 रुपया लगता है।

एलोवेरा की मंडी कीमत उपज एवं कमाई –
एक हेक्टेयर की एलोवेरा खेती से तक़रीबन 35 से 45 टन मोटी पत्तियां उपज में प्राप्त होती हैं। उसको आयुर्वेदिक दवाइयां बनाती कंपनियांऔर सौंदर्य प्रसाधन सामग्री निर्माताओं को बेचा सकते है। उसकी पत्तों से आप मुसब्बर एव एलोवासर बनाकर बेच सकते है। एलोविरा की मोटी पत्तियों को आप भारत की अलग अलग मंडियों में बेच सकते है। उसकी कीमत तक़रीबन 15,000 से 25,000 रुपया प्रति टन है। आप अपनी फसल को बेचते आराम से 7 से 10 लाख कमा सकते हैं। उसके अलावा दूसरे, तीसरे साल में 60 टन पत्तियां और चौथेएव पांचवें साल में 20 से 25 % की कमी होती है।
देखभाल – How To Grow Aloe Vera
पौधे को रोपने के बाद उसकी देखभाल बहुत जरूरी है। लेकिन एलोवेरा को कम पानी की जरुरत होती है। जिससे आपको ज्यादा पानी की जरुरत नहीं रहती है। अधिक पानी से जड़ें सड़ जाती और पौधा मर जाता है। उसकी सिंचाई में आपको ध्यान रखना चाहिए की दो इंच नीचे तक मिट्टी सूख न जाए तब ही पानी देना चाहिए। सामान्य मौसम में सप्ताह में एक बार तथा सर्दियों में इससे कम पानी देना इसके लिए अच्छा रहता है।

एलोवेरा की खेती के फायदे –
- आप बेकार पड़ी जमीन एव असिंचित भूमि में बिना किसी खर्च के खेती कर सकते है।
- उस की खेती के लिए खाद, कीटनाशक व सिंचाई की कोई जरुरत नहीं होती है।
- उन्हें कोई जानवर नहीं खाता है। इसीलिए रखवाली की आवश्यकता नहीं होती है।
- आपके खेत की यह फसल हर वर्ष पर्याप्त आमदनी देती है।
- जैल बनाने, सूखा पाउडर और एलुवा बनाने वाले उद्योगों की स्थापना कर सकते है।
- सूखे पाउडर और जैल की विश्व बाजार में मांग होने से विदेशी मुद्रा कमा सकते है।
- भारत में पंतजलि और डाबर जैसी आयुर्वेदिक कंपनियां उन्हें खरीद करती है।
How To Grow Aloe Vera Video –
Interesting Fact –
- एलोवेरा जिसे घृत कुमारी और ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है।
- आप एलोवेरा की खेती करके उसे मार्केट में बेच सकते हैं।
- एलोवेरा की पहली फसल 9-11 महीने में तैयार हो जाती है।
- ट्रेनिंग लेकर काम करने से गलतियों की गुंजाइश नहीं होती है।
- आप चाहे तो बिना कहीं जाए अपने घर से ही एलोवेरा फार्मिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग ले सकते हैं।
- एलोवेरा फार्मिंग एक बड़ा बिज़नेस बन चुका है।
- अपना खुद का एलोवेरा ज्यूस प्लांट सेटअप कर सकते हैं।
How To Grow Aloe Vera FAQ –
Q : एलोवेरा का वानस्पतिक नाम क्या है ?
Ans : सामान्य भाषा में काकरंगदल, एलोवेरा यानी घृत-कुमारी या ग्वारपाठा भी कहते हैं जो अपने औषधीय गुणों के रूप में प्रसिद्ध है |
Q :एलोवेरा कहाँ बेचे?
Ans : यह एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका कई इंडस्ट्री मेंउपयोग होता है। इसीलिए उसका मार्केट बहुत बड़ा है।
Q : एलोवेरा प्लांट कैसे उगाए?
Ans : हमारी वेबसाइट https://galaxyonlinecenter.com पर उसका पूरा लेख मौजूद है।
Q :एलोवेरा का मंडी भाव क्या है?
Ans : उसकी बाजार कीमत तक़रीबन 15,000 से 25,000 रुपया प्रति टन है।
Q :एलोवेरा के पौधे कितने प्रकार के होते हैं?
Ans : शोध एव संशोधनों के बाद पता चला कि 300 प्रकार के एलोवेरा होते हैं।
Q :एलोवेरा का पौधा पहली फसल कब तैयार होता है?
Ans : एलोवेरा की पहली फसल 9 से 11 महीने में तैयार हो जाती है।
Q :एलोवेरा की खेती किस जमीन में हो सकती है?
Ans : यह एक एसा पौधा है जो किसी भी ज़मीन में ऊग जाता है।
Q :एलोवेरा बेबी प्लांट लगाना चाहिए?
Ans : सही हाइब्रिड का एलोवेरा बेबी प्लांट चुनना बहुत जरुरी है।
Conclusion –
आपको मेरा How To Grow Aloe Vera बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने vera grow in hindi , how to grow aloe vera in water
और how to grow aloe vera from leaf in hindi से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
Note –
आपके पास how to grow aloe vera from leaf cutting,
एलोवेरा को कैसे लगाएं या aloe vera vastu in hindi की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद
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