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Pomegranate Farming | अनार की खेती कैसे करे | Pomegranate Cultivation

Pomegranate Farming in india में आपका स्वागत है। आज हम अनार की खेती कैसे करे, और ज़्यादा उपज लेने का आसान तरीका बताने वाले है। पुनिका ग्रेनाटम एल (अनार) भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण फल फसल है। और स्पेन, मोरक्को, मिस्र, ईरान, अफगानिस्तान और बलूचिस्तान जैसे देशो में भी यही क़िस्म जयादा उगाई जाती है। आपको बतादे की अनार की खेती में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। क्योकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में अनार की उपज सबसे ज्यादा हैं।

भारत में महाराष्ट्र राज्य 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के साथ 9.45 लाख टन वार्षिक उत्पादन एव 10.5 मिलियन टन/हेक्टेयर उत्पादकता के साथ सबसे आगे है। महाराष्ट्र राज्य में भारत देश के कुल क्षेत्रफल का 78 % और कुल उत्पादन का 84 % हिस्सा है। अनार का फल सबका पसंदीदा फलों में से एक है। अनार के फल से जूस, सिरप, स्क्वैश, जेली, अनार रब, जूस कॉन्संट्रेट, कार्बोनेटेड कोल्ड-ड्रिंक्स और अनार दाना टैबलेट तैयार करके उपयोग किया जाता है। तो चलिए अनार की खेती करने का तरीका बताते है।

Pomegranate Farming

भारत की व्यावसायिक फल फसलों में से अनार horticulture एक है। यह फल ईरान (फारस) का मूल निवासी है। अनार को सूखा सहिष्णु फसल के रूप में जाना जाता है। लेकिन फिर भी pomegranate plant के वाणिज्यिक उपज उत्पादन के लिए नियमित सिंचाई अनिवार्य है। जल स्तर और इष्टतम सिंचाई व्यवस्था मिट्टी के प्रकार, पेड़ के आकार, शारीरिक चरण और संभावित वाष्पीकरण जैसे कारकों की बहुलता पर निर्भर करती है। एक नियम के रूप में, पेड़ को थोड़ी पूरक सिंचाई की आवश्यकता होती है। अनार के बागों में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सिंचाई व्यवस्था मुख्य रूप से उत्पादकों द्वारा प्राप्त अनुभव और औपचारिक प्रयोगों पर कम निर्भर करती है।

Pomegranate Cultivation photo

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अनार की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

season of pomegranate – उसकी सफल खेती अनिवार्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क मौसम है, जहां ठंडी सर्दी और उच्च शुष्क गर्मी की गुणवत्ता फल उत्पादन को सक्षम बनाती है। अनार के पौधे कुछ हद तक ठंढ को सहन कर सकते हैं और उन्हें सूखा-सहिष्णु माना जा सकता है। फलों के विकास के लिए इष्टतम तापमान 35-38 डिग्री सेल्सियस है। समुद्र तल से 500 मीटर की ऊंचाई वाला क्षेत्र अनार की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है।

Pomegranate Varieties

भारत देश में अनार की अनेक किस्में पाई जाती हैं। मगर आप अपने क्षेत्र के अनुसार अनार की क़िस्म को पसंद कर सकते हैं। जिसमें उपज करने से अच्छी कमाई हो सके उसके हिसाब से आप अपनी पसंद करिए। कुछ नाम हम भी आपको बताएँगे।

  • भगवा
  • रूबी मृदुला
  • भगवा गणेश
  • ज्योति पेपर सेल
  • जालोर बीजरहित
  • कंधारी
  • ढोलका जालोर बेदाना
  • फुले अरकता
  • फुले भगवा सुपर
  • भगवा सिंदूर
अ अनार की खेती कैसे करे

अनार की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव

अनार का पौधा दोमट और हल्की क्षारीय मिट्टी को भी सहने योग्य है। उसी वजह से हल्की मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। अनार की खेती से अच्छा मुनाफा निकाल सकते है। मगर सबसे बेहतरीन विकल्प की बात करें तो जल निकास की जरुरत रहती है। उसके लिए बलुई, कछारी या रेतीली दोमट मिट्टी को अच्छा माना जाता है। अनार फल की गुणवत्ता और अच्छे रंग के लिए भारी मिट्टी की बजाय नरम मुरम वाली हल्की मिट्टी में लगाना चाहिए।

भूमि की तैयारी और बुवाई का समय

आपके खेत में 60 सेमी x 6o सेमी x 60 के उपयुक्त आकार के गड्ढे तैयार करें। किसानों के लिए आदर्श रोपण दूरी पौधों के बीच 10 से 12 फीट (3 से 3.6 मीटर) और पंक्तियों के बीच 13-15 फीट (3.9 से 4.5 मीटर) है। मानसून के दौरान, गड्ढों को खेत की खाद (10 किग्रा), सिंगल सुपरफॉस्फेट (500 ग्राम), नीम-केक (1 किग्रा) से भर दिया जाता है। अनार की बुवाई का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम (जुलाई-अगस्त) में होता है।

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Pomegranate Farming का प्रवर्धन

गूँटी

अनार पौधे की गूँटी जुलाई-अगस्त महीने में लगायें। मातृवृक्ष की एक मौसम पुरानी शाखाए। 25-30 से.मी. चैड़ाई की छाल निकाले और इस जगह पर पहले से तैयार एक मुट्ठी नम मिट्टी लपेट ले। उसको तैयार करने के लिये छानी हुई मिट्टी में इतना पानी मिलायें ताकि इसे मुट्ठी में दबाने से लड्डू बन सके। मिट्टी की पर्त के उपर पाॅलीथिन शीट लपेट कर सुतली से अच्छे से दोनों छोर को बाँध दें। 25-35 दिन बाद जब जड़े दिखाई देने लगे तो मातृवृक्ष से काट कर अलग कर दें।

Pomegranate Farms

कटिंग (कलम) द्वारा

मातृवृक्ष से 4-5 महीने पुरानी शाखा 25-30 से.मी. लंबाई और लगभग 1 से.मी. मोटाई की हो उसको पसंद करें। ज्यादा पुरानी शाखा में सफलता कम मिलती हैं। कलम के आधार भाग को गाँठ के ठीक नीचे से सीधा और उपरी भाग को तिरछा काटे। उसमे से पत्तियाँ या पतली शाखाएं निकाल दें। कलम को इस प्रकार गाड़े ताकि 2/3 भाग जमीन के अन्दर तथा शेष 1/3 भाग उपर रहें।

सिंचाई

यह एक सूखा-सहनशील फल फसल है। जो कुछ हद तक पानी के नीचे की कमी को सहन कर सकती है। फलों के विभाजन को कम करने के लिए नियमित सिंचाई भी आवश्यक है। जो कि फलों का प्रमुख विकार है। जाड़े के दिनों में 10 से 12 दिनों के अंतराल पर, जबकि गर्मियों में 4 से 5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। अधिकांश किसानों ने ड्रिप सिंचाई से पानी की आपूर्ति की, पानी की बचत की, और उर्वरक लगाने के लिए सुविधाजनक। आम तौर पर, अम्बे बहार का सुझाव दिया जाता है जहां सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो।

Pomegranate Farming के लिए खाद एवं उर्वरक की मात्रा

किसान anar ki kheti कम उपजाऊ मिट्टी में भी उगा सकता है। फिर भी, फलों के बेहतर उत्पादन और गुणवत्ता के लिए रासायनिक उर्वरकों की अनुशंसित खुराक को गड्ढे में शामिल किया जाना चाहिए। खाद और उर्वरकों की मात्रा मिट्टी की उर्वरता, जीनोटाइप, क्षेत्र दर क्षेत्र के अनुसार भिन्न होती है। बेहतर वृद्धि और विकास के लिए रासायनिक उर्वरकों को निम्नलिखित सिफारिशों के अनुसार दिया जाना चाहिए। लेकिन कम से कम प्रत्येक विकसित पौधे को 30 किलो गोबर की खाद, 600-700 ग्राम नत्रजन, 200-250 ग्राम स्फुर और पोटाश दिया जाना उपयुक्त है।

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छँटाई एवं सधाई Pomegranate Farming

अनार की खेती फोटो 

अनार एक झाड़ीनुमा पौधा होता हैं। उसी वजह से अच्छा आकार व सुडौल पौधा बनाने के लिये जरुरी हैं। अनार में सिंघाई की दो पद्धति होती है। एक तनीय व बहुतनीय। एक तनीय विधि में जमीन की सतह से 60-75 से.मी. उंचाई के पश्चात 4-5 शाखायें चारो तरफ बढने दें। जमीन से 60-75 से.मी. उंचाई तक कोई भी शाखा न निकलने दें।बहुतनीय पद्धति में 3-5 भूस्तरीय शाखा को जमीन से ही बढने दें।

पौधों को रोगों से बचाएं

अनार के पौधों में सड़ने वाले कीड़े लगने का खतरा बना रहता है। उससे बचने के लिए पौधों पर कीटनाशक का छिड़काव करें। साथ ही पौधों के आस-पास साफ-सफाई रखें भी रखना जरुरी है। सर्दियों के मौसम में पौधों को पाले से बचाएं। उस के लिए पौधो पर गंधक का तेज़ाब छिड़कते रहें। अनार की तितली, छिल्का खाने वाली इल्ली, पत्ती एवं फल धब्बा रोग, जीवाणु पर्ण चित्ती रोग और फल सड़न रोग लिए जरुरी मात्रा में दवाई का छिड़काव करे।

Pomegranate fruit harvesting

अनार का फल 4 से 5 महीनों के समय में फूल एक फल का रूप लेता है।

यह फल जब पक जाता है। तो छिलके का रंग अलग अलग ही दिखाई देता है।

अनार जब अच्छे से पक जाए। उस समय बागवानी के लिए प्रयोग की जाने वाली कैंची से काटकर तोड़ना चाहिए।

Pomegranate Farming Fruit production & Storage

किसान अनार के पौधों के बीच दूरी कम और साथ-साथ पेड़ का अगर सही तरीकों से ध्यान रखते हैं। एक पेड़ से लगभग 80 किलो फल मिल सकते हैं। ध्यान दें कि पौधों के बीच की दूरी कम होनी चाहिए। तो उसकी उपज 80 किलो (4800 क्विंटल) तक हो जाती है। अनार के फल को फ्रिज में 5 डिग्री सेल्सियस वाले तापमान में भंडारित किया जा सकता है।

pomegranate tree

Pomegranate Packaging

अनार के फल घरेलू और स्थानीय बाजारों के लिए लकड़ी के बक्से, प्लास्टिक के टोकरे में पैक किए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए, मुख्य रूप से नालीदार फाइबरबोर्ड बक्से का उपयोग किया जाता है। और बॉक्स की क्षमता 4 किलो या 5 किलो होनी चाहिए । दीर्घकालिक भंडारण के लिए एक इष्टतम तापमान की आवश्यकता होती है। अनार के फल 3 महीने तक स्टोर किए जा सकते हैं।

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Marketing

अधिकांश उत्पादक अपनी उपज या तो ग्रामीण स्तर पर व्यापार एजेंटों

या बाजार में कमीशन एजेंटों के माध्यम से बेचते हैं।

अनार के फल घरेलू बाजारों में 60 से 80 रुपये किलो फलों की थोक दर से बिक्री कर सकते हैं।

जबकि दूर के बाजार में 90 से 150 रुपये किलो फलों की अधिक कीमत मिलती है।

Images for Pomegranate Farming

Pomegranate Benefits & Use

  • 1 – pomegranate in juicer
  • 2 – pomegranate seed
  • 3 – pomegranate salad
  • 4 – pomegranate molasses
  • 5 – recipes for pomegranate
  • 6 – pomegranate syrup
  • नेचुरल तरीके से त्वचा को सुरक्षित रखता है।
  • त्वचा की महीन रेखाओं और झुर्रियों को जल्दी आने से रोकता है।
  • कोशिकाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • अनार त्वचा को हाइड्रेटेड रखने का काम करता है।
  • त्वचा को कोमल और मुलायम बनाए रखता है।
  • अनार का जूस पीने से पाचन क्रिया अच्छी होती है।
  • खिल-मुंहासों की समस्या को दूर रखने में फायदेमंद है।

Pomegranate Farming Video

anar ki kheti

Interesting Fact Pomegranate Farming

  • अनाज में बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने का विशेष गुण होता है।
  • आयुर्वेद में अनार को बहतु ही चमत्कारिक फल बताया गया है।
  • रोज़ाना सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
  • अनार का सेवन करने से पेट के कीड़ों को खत्म किया जा सकता है।
  • नाखून संबंधित रोग में भी अनार के इस्तेमाल से फायदा मिलता है।
  • बीमारियों में अनार का सेवन करने के लिए चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
  • अनार दुनिया के गरम प्रदेशों में सबसे ज्यादा पाया जाता है।

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Pomegranate Farming FAQ

Q : अनार की खेती कब और कैसे करें?

अनार के पौधों को लगाने का समय अगस्त से सितंबर या फरवरी से मार्च के बीच होता है।

Q : अनार की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

सिन्दूरी अनार टिकाऊ, स्वादिष्ट व निर्यात योग्य होते हैं।

Q : अनार की देखभाल कैसे करें?

पेड़ के ढांचे को मजबूत बनाने और पेड़ों की अच्छी शाखाओं के लिए स्टॉप एंड गो तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है। इस तकनीक में पौधों को 3-4 महीनों की अवधि के लिए स्वच्छंद रूप से बढ़ने दिया जाता है।

Q : अनार की फसल कब आती है?

अनार से चौथे वर्ष में फल लिया जा सकता है। परन्तु इसकी अच्छी फसल 6-7 वर्ष पश्चात ही मिलती है तथा 25-30 वर्ष तक अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।

Q : अनार कौन से सीजन में आते हैं?

अनार में वर्ष मे तीन बार जून-जुलाई (मृग बहार), सितम्बर-अक्टूबर (हस्त बहार) एवं जनवरी-फरवरी (अम्बे बहार) में फूल आते हैं। व्यवसायिक रूप से केवल एक बार की फसल ली जाती है।

Conclusion

आपको मेरा Pomegranate Farming in Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये हमने pomegranate growth

और where do pomegranate grow से सम्बंधित जानकारी दी है।

अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।

Note

आपके पास pomegranate farmers, pomegranate in hindi या pomegranate farming in usa की कोई जानकारी हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो दिए गए सवालों के जवाब आपको पता है। तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इसे अपडेट करते रहेंगे धन्यवाद।

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