नमस्कार दोस्तों Coriander Farming | Coriander Cultivation | Dhaniya ki Kheti में आपका स्वागत है। आज हम हमारे खाने को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाता धनिया की खेती कब और कैसे करें | धनिया की उन्नत खेती | धनिया की खेती कब करें | धनिया की खेती करने का तरीका | बारिश में धनिया की खेती | धनिया के मंडी भाव 2022 | धनिया की खेती कैसे उगाई जाती है की संपूर्ण जानकारी बताने वाले है।
धनिया की खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कनार्टक में ज्यादा की जाती है। प्राचीन काल से ही विश्व भर में भारत देश को ‘‘मसालों की भूमि‘‘ के नाम से जाना जाता है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते है। धनिया बीज में अधिक औषधीय गुण देखने मिलते है। धनिया की पत्तियां विटामिन ए और सी से भरपूर होती हैं।
Coriander Farming Information
धनिया की फसल किसान किसी भी मिट्टी में उगा सकते है। धनिया, (Coriandrum sativum), जिसे cilantro या चीनी अजमोद भी कहा जाता है। वह अजमोद परिवार (Apiaceae) का पंख वाला वार्षिक पौधा है। उसके कुछ हिस्सों का उपयोग जड़ी-बूटी और मसाले के रूप में होता है। भूमध्यसागरीय और मध्य पूर्व क्षेत्रों के मूल निवासी, पौधे को दुनिया भर में कई जगहों पर व्यापक रूप से खेती की जाती है। उसके सूखे मेवे और बीज को धनिया कहते है। उसकी नाजुक युवा पत्तियां अमेरिका, भारत और चीन के व्यंजनों उपयोग होता हैं।

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धनिया के खाने के फायदे एवम उपयोग
- उसके बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने में प्रयोग होता है।
- धनिया बीज कुलिनरी के रूप में प्रयोग होता है।
- कार्मिनेटीव और डायरेटिक के रूप में प्रयोग होता है।
- डायबिटीज में फायदेमंदहरा धनिया को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए रामबाण है
- वजन घटाने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, एसिडिटी, सर्दी-खांसी, आंखों की रोशनी के लिए।
- धनिया किडनी रोगों में फायदेमंद होता है।
- किड़नी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
- धनिया के बीजों को उबालकर पानी को पीना फायदेमंद है।
- धनिया कोलेस्ट्रॉ कम करने में भी फायदेमंद हो सकता है।
- एनीमिया को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है।
- धनिया आपके शरीर में खून को बढ़ाने में तो फायदेमंद होता है।
धनिया के पोषक तत्व
फास्फोरस (phosphorus)
कैल्शियम (calcium)
मैग्नीशियम (magnesium)
पोटेशियम (potassium)
सोडियम (sodium)
विटामिन ए, बी, सी (vitamin A,B,C,K)

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Coriander Farming जलवायु
धनिया की खेती करने शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा उत्पादन दे सकता और अनुकूल है। बीजों के अंकुरण के लिये 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा है। धनिया शीतोष्ण जलवायु की फसल होने की वजह से फूल एवं दाना बनने की अवस्था पर पाला रहित मौसम की जरुरत है। धनिया को पाले से ज्यादा नुकसान होता है। धनिया बीज की उच्च गुणवत्ता और अधिक वाष्पशील तेल के लिये ठंडी जलवायु, तेज धूप, समुद्र से अधिक ऊंचाई एवं अच्छी भूमि की जरुरत होती है।
Soil Requirement For Coriander Farming भूमि और तैयारी
किसान किसी भी प्रकार की जमीन में धनिया की खेती कर सकते है। धान्य की फसल सिंचित और बिन सिंचित दोनों रूप में कर सकते है। धनिये की फसल पियत रूप से पूर्ण सेंद्रिय तत्व वाली जमीन में कर सकते है। किसान बिन सिंचित से धनिये की फसल उगाना चाहते है। तो ज्यादा नमीं वाली काली जमीन को सबसे अच्छी मानी जाती है। क्षारवाली और रेतीली जमीन धनिया के लिए अच्छी रहती है।
धनिया की सिंचित फसल के लिये अच्छा जल निकास वाली अच्छी दोमट भूमि उपयुक्त होती है। और असिंचित फसल के लिये काली भारी भूमि अच्छी होती है। धनिया क्षारीय एवं लवणीय भूमि को सहन नही करता है। मिट्टी का पी.एच. 6.5 से 7.5 होना चाहिए। जिससे जमीन में जुताई के समय खरपतवार के बीज अंकुरित होने के बाद जुताई करनी है।

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Coriander Farming Advanced varieties उन्नत किस्में
हिसार सुगंध
आर सी आर41
कुंभराज
आरसीआर435
आरसीआर 436
एसीआर1
आरसीआर684
आरसीआर446
जी सी 2(गुजरात धनिया 2)
पंत हरितमा
सिम्पो एस 33
जे डी-1
सी एस 6
आर सी आर480
आर सी आर728
Coriander Farming में रोपण
किसान धनिया की फसल को कोई भी समय में लगा सकते है। मगर मूल रूप से भारत और आंध्र प्रदेश के उत्तर और मध्य भागों में रबी सीजन की फसल के रूप में उगाया जाता है। बुवाई या बुवाई अक्टूबर के मध्य और नवंबर के मध्य में की जाती है। उपर्युक्त राज्यों के कुछ विस्तारो में यह देर से खरीफ की फसल के रूप में उगा सकते है। और उसके रोपण का मौसम अगस्त और सितंबर के बीच आता है।

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Coriander Farming में सिंचाई
धनिया की खेती में किसानो को सबसे पहली सिंचाई तक़रीबन 30 से 35 दिन में करनी चाहिए। जिस समय फसल में पत्तियां बनना शुरू होने लगे तब दूसरी सिंचाई तक़रीबन 50 से 60 दिन बाद करनी होती है। पौधों से जब शाखा निकलने लगे उस समय तीसरी सिंचाई 70 से 80 दिन बाद करनी होती है। उसके बाद चौथी सिंचाई 90 से 100 दिन जब बीज बनते और पांचवी सिंचाई लगभग 105 से 110 दिन करनी चाहिए।
Coriander Farming Manures and Fertilizers
भूमि की तैयारी के समय लगभग 20 टन गोबर की सड़ी खाद को लगाया है। उसके पश्यात रासायनिक खाद और नाइट्रोजन दो से तीन बार फसल की कटाई के बाद देना चाहिए। असिंचित धनिया की अच्छी पैदावार के लिए गोबर खाद 20 टन/हे. के साथ 40 कि.ग्रा. नत्रजन, 30 कि.ग्रा. स्फुर, 20 कि.ग्रा. पोटाश तथा 20 कि.ग्रा. सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से तथा 60 कि.ग्रा. नत्रजन, 40 कि.ग्रा. स्फुर, 20 कि.ग्रा. पोटाश तथा 20 कि.ग्रा. सल्फर प्रति हेक्टेयर उपयोग कर सकते है।

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Coriander Farming Weed control
धनिये की फसल में शुरूआती बढ़वार बहुत धीमी गति से होती हैं। उसके कारन निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को निकलना बहुत जरुरी है। किसानो को धनिये की खेती में दो निराई-गुड़ाई जरुरी होती है। पहली निराई-गुड़ाई के 30-35 दिन के समय में अवश्य करदे। उसके बाद दूसरी निराई-गुड़ाई 60 दिन बाद करनी चाहिए। पौधों में बढ़वार अच्छी होने से खरपतवार भी नष्ट हो जाते हैं। खरपतवार नियंत्रण के लिए पेन्डीमिथालीन 1लीटर प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर अंकुरण से पहले छिड़काव कर सकते है।
धनिया की कटाई और उपज
धनिया की फसल में हरी पत्तियों की तुड़ाई बीज की बुआई से 16-20 दिन बाद कर सकते है। उस समय पौधे 5-6 सेमी ऊॅचाई के होते है। पत्तियों की तुड़ाई बुआई के 60-70 दिन बाद तक कर सकते जब तक उसमें पुष्प् नहीं आ जाते है। तब तक तुड़ाई कर सकते हैं। उसके अलावा यदि धनिया को पत्ती एवं बीज दोनों उद्देश्य से उगाते है। तो पत्तियों की 1 से 2 बार कटाई करके बीज के लिए छोड़ देते हैं।
पत्तियों को 40 सेन्टीग्रेड तापमान पर सप्ताह तक संग्रह कर सकते है। धनियॉं फसल की उपज की बात करे तो धनिया की औसत उत्पादन क्षमता 6-10 कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। कटाई के समय फलों में 20 प्रतिशत से अधिक नमी रहती है। उसको सुख करके 9-10 प्रतिशत तक रखते हैं। हरी पत्तियों की दृष्टि से उसकी उत्पादन क्षमता 100 कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
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Coriander Farming Video
Interesting Fact
- धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं।
- धनिया बीज में बहुत अधिक औषधीय गुण होते है।
- शुष्क व ठंडा मौसम धनिया की फसल के लिए अच्छा होता है।
- धनिया के बिना कोई भी व्यंजन अधूरा लगता है।
- धनिया की फसल रबी मौसम में बोई जाती है।
- किसी भी मिट्टी में धनिया की फसल उगाई जा सकती है।
- धनिया अम्बेलीफेरी या एपिएसी कुल का पौधा है।
FAQ
Q .धनिया की उन्नत खेती कैसे करें?
आप हमारा लेख पढ़ धनिया की उन्नत खेती कर सकते है।
Q .धनिया कितने दिन में उगता है?
धनिया के बीज बुआई के लगभग 10 दिन बाद अंकुरित होते हैं।
Q .धनिया की पैदावार कितनी होती है?
वैज्ञानिक तकनीकि से खेती करने से 15-18 क्विंटल बीज और 100-125 क्विंटल पत्तियों की उपज हेक्टर होती है।
Q .धनिया का पौधा कैसे उगाया जाता है?
धनिया के बीज को 1⁄4 इंच गहरे, 6 to 8 इंच दूर और 1 फुट के अंतर में उगाएं।
Q .धनिया की फसल कब बोई जाती है?
धनिया बोने का सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर है।
Q .बिना मिट्टी के पानी में धनिया कैसे उगाये?
बिना मिट्टी के धनिया उगा ने आप एक पात्र में पानी भर उगा सकते है।
Conclusion
आपको मेरा Coriander Farming | Coriander Cultivation | Dhaniya ki Kheti बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा।
लेख के जरिये हमने Coriander cultivation in india, Coriander plant और Coriander sowing time in india से सम्बंधित जानकारी दी है।
अगर आपको अन्य किसी खेत उत्पादन के बारे में जानना चाहते है। तो कमेंट करके जरूर बता सकते है।
Note
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